मौत इंसान के जीवन की एक ऐसी कड़वी हकीकत है जो कभी टल नहीं सकती. जिस तरह विधाता ने इंसान के जन्म का विधान तय किया है वैसे ही उनकी मृत्यु का विधान भी पहले से तय है.

श्रीमद भागवत गीता में मौत के बारे में यही संदेश लिखा है कि मनुष्य की आत्मा अमर है जो कभी मर नहीं सकती लेकिन मिट्टी से बना शरीर नश्वर है जो एक निर्धारित समय के बाद फिर से मिट्टी में मिल जाता है.


हर इंसान के मृत्यु का समय निर्धारित है लेकिन कई ऐसे लोग भी होते हैं जो असमय काल, अकाल मौत के शिकार हो जाते हैं.मौत को टालना किसी के बस की बात नहीं हैं लेकिन क्या मृत्यु टालने के उपाय भी मौजूद है जिसके ज़रिए कम से कम अकाल मृत्यु के संकट को टाला जा सके.


तो इसका जवाब है हां, कुछ ऐसे मृत्यु टालने के उपाय भी हैं जिनसे असमय मृत्यु के खतरे को टालने में मदद मिलती है.

शिवपुराण में मृत्यु टालने के उपाय बताए गए हैं जिनमें से खास पांच उपाय हम आपको बताने जा रहे हैं.

मृत्यु टालने के उपाय –

1- महाकाल शिव करेंगे काल से रक्षा

भगवान शिव के बारे में कहा जाता है कि जो महाकाल के भक्त होते हैं उनका काल भी कुछ नहीं बिगाड़ सकता.

जल में तिल और शहद मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए. महामृत्युंजय मंत्र और ओम नम: शिवाय मंत्र का जप करना चाहिए. हर शनिवार को यह उपाय करने से अकाल मृत्यु का खतरा टल जाता है और व्यक्ति को लंबी उम्र मिलती है.

2- शनिदेव की करें आराधना

शिवपुराण के मुताबिक असमय या अचानक होनेवाली मृत्यु से बचने के लिए शनिदेव की आराधना सबसे बेहतर उपाय साबित हो सकता है. शनिवार के दिन पूजन से शनिदेव प्रसन्न होते हैं. इसलिए हर शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा करनेवाले व्यक्ति से अकाल मौत का खतरा दूर हो जाता है.

3- शनिदेन की वस्तुओं का दान

नौ ग्रहों में सबसे क्रूर माने जाने वाले शनिदेव की कृपा पाने के लिए शनिवार को उनके पूजन के अलावा उनसे संबंधित वस्तुओं का दान करना चाहिए. ऐसा करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है और अकाल मृत्यु का भय नहीं सताता है.

4- मंगलवार और शनिवार को करें ये उपाय

काले तिल और जौ का आटा तेल में गूंथकर एक मोटी रोटी पकाएं, उस रोटी को और गुड़ को तेल में मिश्रित करके जिस व्यक्ति की मरने की आशंका हो उसके सिर से 7 बार उतारकर उसे भैंस को खिला दें.

5- कौए को खिलाएं गुड़ के गुलगुले

जिस व्यक्ति को अकाल मृत्यु का भय सता रहा हो उसे गुड़ और आंटे से बने गुलगुले को सिर से सात बार उतारकर चील या कौए को खिला देना चाहिए. इस उपाय को मंगलवार, शनिवार या फिर रविवार को करने से राहत मिलेगी.

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