आज का जमाना काफी आगे बढ़ चुका है हर क्षेत्र में विकास हो रहा है वहीं अगर बात करें मेडिकल साइंस की तो इसमें भी आए दिन कई तरह से विकास हो रहे हैं। तभी तो बड़ी से बड़ी गंभीर बिमारियों का इलाज डॉक्‍टर खोज ले रहे हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही खबर से रूबरू कराने जा रहे हैं जो कि राजस्थान के बीकानेर से है।

दरअसल यहां रहने वाले एक बुजुर्ग व्‍यक्ति के पेट में करीब छह महीने से दर्द की समस्या जिसकी वजह से वो काफी ज्‍यादा परेशान रहता था। वहीं आपको बता दें कि एक दिन ये दर्द इतना भयानक बढ़ गया कि वो कुछ खा भी नहीं पा रहा था।

जानकारी के लिए बता दें कि जब ये समस्‍या हुई तो बुजुर्ग को लगा कि उनको एसिडिटी हो गई है जिसके बाद उन्‍होंने कई सारे घरेलू इलाज किए, ईनो ली लेकिन पेट का लगातार फूलना कम नहीं हो रहा था वहीं कुछ ही समय में उनका पेट कुछ ऐसा हो गया था मानो किसी गर्भवती महिला की तरह दिखने लगा।

ऐस देखकर वो काफी परेशान हो गए और चंपा लाल दिल्‍ली दिखाने के लिए पहुंचे तब जाकर उन्‍होंने सर गंगाराम अस्पताल के डॉक्टरों से अपनी परेशानी बताई और फिर डॉक्‍टरों ने उन्‍हें ऑपरेशन की सलाह दी। फिर क्‍या था डॉक्‍टरों ने तुरंत ही उनका ऑपरशेशन किया जिसमें उनके पेट से करीब 17 किलो का ट्यूमर निकाला। जी हां ट्यूमर का वजन 4 नवजात शिशुओं के बराबर था।

आपको बता दें कि अस्पताल के लिवर ट्रांसप्लांट ऐंड सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरॉलजी डिपार्टमेंट में कंसल्टेंट डॉक्‍टरों का कहना था कि ऑपरेशन थिएटर की भार मशीन एक बार में महज 10 किलो वजन उठा सकती है। उन्होंने ट्यूमर के बड़ा टुकड़ा दिखाया और कहा कि यह कैंसर कारक है और बहुत तेजी से बढ़ा होगा। इतना ही नहीं उन्‍होंने आगे बताया कि ‘ट्यूमर डिफरेंशल लीकोसर्कोमा था जो फैट सेल्स से बढ़ने वाला दुर्लभ कैंसर है। अगर ऐसा किसी भी व्‍यक्ति‍ के साथ होता है और वो समय रहते ध्‍यान नहीं देता है तो मरीज ज्यादा समय तक जिंदा नहीं रह सकता है।

मरीज लाल के केस में सीटी स्कैन में दिखाई दिया कि ट्यूमर इतना बड़ा हो गया था कि पेट के 80 फीसदी हिस्से तक फैल गया था, जिसकी वजह से शरीर के अन्‍य अंग अपनी जगह से खिसक गए थें और खासतौर पर लिवर, जो कि सीने के दाहिनी तरफ होता है वह ऊपर की ओर खिसक गया था और आंतें शरीर की बाईं ओर शिफ्ट हो गई थीं। जिसकी वजह से खून का प्रवाह भी प्रभवित हो रहा था इसी वजह से ट्यूमर को टुकड़ों में निकालना ठीक नहीं था।

बताते चलें कि इसके लिए पूरी डॉक्टरों की एक टीम बनाकर ये ऑपरेशन की गई जिसमें करीब डेढ़ घंटे का समय लगा और फिर पेट में बिना चिरा लगाए 17 किलो का ट्यूमर निकाल लिया गया।

वाकई में ये मेडिकल सांइस का ही देन है जो इतने बड़े ट्यूमर को बिना शरीर के अंग को काटे ही निकाल लिया गया। डॉक्टरों का कहना था कि ये लीपोसर्कोमा का यह पहला केस है जिसमें इतने बड़े ट्यूमर को वैसा का वैसा ही निकाला गया हो।

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