बारिश आने वाली है और यदि आप घूमने की सोच रहे हैं तो चेरापूंजी जा सकते हैं। हम आज आपको बताने जा रहे हैं कि चेरापूंजी में ऐसा क्या खास है कि आप यहां जा सकते हैं।

चेरापूंजी के प्रसिद्ध व्यंजन- आपकी जानकारी के लिए बता दे की, यदि आप खाने-पीने के शौकीन हैं तो यहां के चावल से बने व्यंजनों का स्वाद जरूर लें। यहां का पार्क राइस बेहद पसंद किया जाने वाला व्यंजन है। जिसके अलावा यहां का सोहरा पुलाव भी काफी पसंद किया जाता है। यहां चावल से बनी यह डिश सब्जियों को मिलाकर बनाई जाती है और खास बात यह है कि बिना मसाले वाली यह डिश बेहद स्वादिष्ट होती है.

कैसे पहुंचे चेरापूंजी- बता दे की, यहां का निकटतम हवाई अड्डा गुवाहाटी है, जो 170 किमी की दूरी पर स्थित है। ऐसे में यहां पहुंचने में करीब 5 घंटे का समय लगता है। यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन गुवाहाटी है, जो 150 किमी की दूरी पर स्थित है। सड़क की बात करें तो चेरापूंजी शिलांग से 55 किमी की दूरी पर है और यहां पहुंचने में दो घंटे का समय लगता है। जिसके साथ ही इस मार्ग पर निजी वाहन के साथ-साथ परिवहन के सरकारी साधन हमेशा उपलब्ध रहते हैं।

चेरापूंजी के झरने और गुफाएं - हरियाली के साथ-साथ अगर आप झरने और गुफाओं की सैर करना चाहते हैं तो चेरापूंजी आपके लिए एक अच्छी जगह साबित हो सकती है। जिसके साथ ही आप शानदार फोटोग्राफी का भी अनुभव कर सकते हैं। दरअसल, यहां कई झरने हैं और सभी की बनावट एक दूसरे से अलग है। इसके अलावा यहां मवासमाई और अरवाह गुफाएं हैं जो आपको रोमांचकारी अनुभव देती हैं।

चेरापूंजी के प्रसिद्ध 'लोक गीत' और 'लोक नृत्य' - चेरापूंजी में खासी जनजातियों का वास है, जो बसंत के मौसम का बेसब्री से इंतजार करते हैं। यहां के लोग बादलों को लुभाने के लिए 'लोक गीत' और 'लोक नृत्य' का आयोजन करते हैं, जो पर्यटकों को बहुत पसंद आते हैं।

चेरापूंजी का सजीव पुल- चेरापूंजी भी काफी प्रसिद्ध जीवंत पुल है, जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। दरअसल यहां के लोगों द्वारा बनाया गया यह ब्रिज बायो-इंजीनियरिंग का बेहतरीन नमूना है। इस ब्रिज की खासियत यह है कि यह समय के साथ और भी मजबूत होता जाता है। इतना ही नहीं एक साथ करीब 50 लोग इससे गुजर सकते हैं।

चेरापूंजी का इको पार्क - चेरापूंजी में स्थित एक इको-पार्क है, जहां फूलों की प्रजाति आर्किड अपनी लपटें बिखेरती है। इस पार्क में आर्किड के फूल लगाए गए हैं, जिसे देखने के लिए पर्यटक मनाते हैं।

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