बदायूं में स्टेशन पर तो तगड़ा बवाल हो गया, हुआ कुछ यूं कि बदायूं के एक स्टेशन पर टीईटी अपना फर्ज निबाह रहे थे । उन्होंने 5 लोगो को बिना टिकट यात्रा करते हुए पकड़ लिया जिनमे से एक बिजली विभाग के जेई साहब थे । फिर जेई साहब से जुर्माना मांगा गया तो जेई साहब ऐंठ गए । जुर्माना न भरने की ज़िद पर अड़े रहे ।

टीईटी जी का दिमाग भन्ना गया उन्होंने आरपीएफ वालो को बुलावा भेज दिया फिर जैसे तैसे जेई साहब ने 1150 रुपये का जुर्माना भरा । लेकिन जाते जाते धमकी दे गए कि स्टेशन की बत्ती गुल कर दूंगा । कुछ नही मामला शांत हुआ लेकिन अचानक से आधे घण्टे बाद पूरा स्टेशन अंधियारे में डूब गया । और ऐसा कोई एक या दो घण्टे नही रहा पूरी रात स्टेशन अंधियारे में डूबा रहा ।

ऐसा रात के 11 बजे से हुआ और रात के 11 बजे से पूरा स्टेशन महकमा भागता दौड़ता रहा । स्टेशन मास्टर ने आरोप लगाया कि ऐसा तब हुआ जब मैंने जेई का जुर्माना काटा तो जेई ने ऐसा किया होगा लेकिन वही बिजली विभाग के अधिकारियों ने सफाई में कहा कि ऐसा कुछ नही है । पहले तो लगा कि ट्रांसफार्मर फुक गया है लेकिन जब ठीक से देखा गया तो उसकी ऑउट पुट लीड में दिक्कत थी ।

भले ही बिजली अधिकारी इसे इत्तेफाक बता रहे हो लेकिन ये मामला पहला नही था । इस से पहले भी गाड़ी का चालान काटने पर बिजली विभाग के एक कर्मचारी ने पुलिस थाने की ही लाइट काट दी थी । ये मामला मेरठ का था हुआ यूं कि पुलिस ने काटा बिजली विभाग के कर्मचारी का चालान काट दिया था तभी कर्मचारी सीधे बिजली विभाग पहुँचा और कागज़ निकाल लिए ।

जब देखा तो पता लगा कि थाने पर तो बहुत बकाया है उठाई गाड़ी और पहुच गए थाने और फर्रा दिखाकर थाने की ही बत्ती गुल कर दी । ये एक फिल्मी कहानी के तरह था लेकिन ये सत्य घटना थी । ये ट्रैन वाली घटना बरेली-बदायूं लाइन की है ।

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