भारत में प्राचीन काल से ही संगीत अपनी एक अलग महत्ता रही है,संगीत हमारे तनाव को कम करने में बेहद सहायक है, जब हम स्ट्रेस में होते हैं, तो आंखें बंद करने मात्र से शांति मिलती है,लेकिन अगर इसके साथ में कोई सॉफ्ट म्यूजिक हो तो इसको सुनने से हमारा माइंड रिलैक्स हो जाता है,बता दे कि म्यूजिक की फ्रीक्वेंसी और ध्वनि को कई शारीरिक बीमारियों के उपचार में भी प्रयोग किया जाता हैं।

हर साल 1 अक्तूबर को इंटरनेशनल म्यूजिक डे मनाया जाता है,बता दें कि इस दिन को मनाने का उद्देश्य दुनियाभर में संगीत को बढ़ावा देना है,आज इस लेख के जरिए हम आपको म्यूजिक थेरेपी के फायदों के बारे में बताएंगे, आइये जानते है

कनाडा में 400 लोगों पर की गई एक स्टडी के मुताबिक, संगीत ना सिर्फ हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, बल्कि ये हमारे तनाव को भी कम करने में मदद करता हैं।इसके साथ ही, म्यूजिक थैरेपी हमारे मांइड को भी रिलेक्स करती है, और ये हमारी थकान उतारने में मददगार हैहै, अक्सर थकावट आ जाने पर लोग म्यूजिक का सहारा लेते हैं

रिसर्च के मुताबिक, सर्जरी से पहले जिन मरीजों को सॉफ्ट म्यूजिक सुनाया गया, उनमें स्ट्रेस लेवल कम पाया गया।

म्यूजिक थेरेपी सभी स्ट्रेस, एंग्जाइटी और डिप्रेशन को कम कर देती है, इस थेरेपी की सबसे अच्छी बात यह है कि इसे किसी भी समय आजमाया जा सकता है,आप योग करते हुए या घर के काम करते हुए भी म्यूजिक सुन सकते हैं।

म्यूजिक थेरेपी मेडिटेशन के लिए मददगार है,हम तनाव मुक्त तभी होते हैं, जब हमारा दिमाग आराम करता है,दिमाग को आराम की स्थिति में पहुंचने में मेडिटेशन हमारी मदद करता है, ये थैरेपी सिजोफ्रेनिया जैसे मनोवैज्ञानिक विकार के लक्षणों को कम करने में मदद करती हैं।

सॉफ्ट म्यूजिक टेंस यानी तनावग्रस्त मसल्स को रिलैक्स करता है,जब मांसपेशियों को आराम करने के लिए शरीर को ढीला छोड़ दिया जाता है, तो हमारा दिमाग भी आराम करने लगता हैं।

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