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सुकन्या समृद्धि योजना से भारत में लाखों खाते खुले हैं। यह एक बचत योजना है जिसमें लड़कियों के लिए डाकघर या बैंकों में खाते खोले जाते हैं। इस योजना का उद्देश्य लड़कियों की शिक्षा और शादी जैसे मामलों में सहायता करना है। माता-पिता अपनी बेटियों के लिए 10 साल की उम्र से इस योजना में निवेश कर सकते हैं और 8% से अधिक की ब्याज दर अर्जित कर सकते हैं। इस योजना की लोकप्रियता का श्रेय इसमें दी जाने वाली उच्च ब्याज दर को दिया जाता है। यदि आपने इस योजना में निवेश किया है, तो एक निश्चित कार्य को तुरंत पूरा करना आवश्यक है; अन्यथा, आपका खाता बंद किया जा सकता है।

अब तक खुले लाखों खाते:
भारत सरकार के मुताबिक इस योजना के तहत 2.73 करोड़ से ज्यादा खाते खोले जा चुके हैं. इन सभी खातों में कुल जमा रकम 1.19 लाख करोड़ से ज्यादा है. जब आपकी बेटी 21 साल की हो जाएगी तो आप इस खाते से जमा रकम निकाल सकते हैं। ऐसे खातों से धनराशि किसी भी बैंक में स्थानांतरित की जा सकती है।

उठाए जाने वाले आवश्यक कदम:
यदि आपने अपनी बेटी के लिए सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खाता खोला है, तो सरकार के नियमों के अनुसार न्यूनतम शेष राशि बनाए रखना महत्वपूर्ण है। हर साल खाते में न्यूनतम 250 रुपये निवेश करना अनिवार्य है. साथ ही आप अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं. यदि आपने 31 मार्च से पहले खाते में कोई पैसा जमा नहीं किया है, तो दंड और संभावित खाता बंद होने से बचने के लिए तुरंत ऐसा करना सुनिश्चित करें। बंद खाते को दोबारा खोलने पर जुर्माना और जटिलताएं शामिल हो सकती हैं।

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कोई भी अपनी बेटी के लिए खाता खोल सकता है:
इस योजना के तहत कोई भी व्यक्ति अपनी बेटी के लिए खाता खुलवा सकता है, हालांकि 10 साल की उम्र के बाद खाता नहीं खोला जा सकता है। आप अपने दस्तावेजों के साथ अपनी बेटी का जन्म प्रमाण पत्र देकर खाता खुलवा सकते हैं।

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सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश करना आपकी बेटी के वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करने का एक शानदार तरीका है, लेकिन इसमें किसी भी जटिलता या दंड से बचने के लिए कुछ नियमों का पालन और समय पर कार्रवाई की आवश्यकता होती है।

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