SSY – सुकन्या समृद्धि योजना के बदल गए हैं नियम, जानिए इनकी पूरी डिटेल्स
दोस्तो क्या आप उन लोगो में से हैं जो अपनी कमाई का कुछ हिस्सा सुकन्या समृद्धि योजना, पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) या नेशनल सेविंग्स स्कीम (NSS) जैसी छोटी बचत योजनाओं में निवेश करते हैं, तो आपके लिए एक महत्वपूर्ण खबर है। अगर रिपोर्टस की माने तो इन सभी योजनाओं के नियम बदल गए हैं, आइए जानते हैं इनके बारे में-
सुकन्या समृद्धि योजना क्या है?
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी, 2015 को हरियाणा के पानीपत में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत लॉन्च किया था। यह 8.2% प्रति वर्ष की आकर्षक ब्याज दर प्रदान करता है, जो आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत कर से मुक्त है।
इस योजना के तहत आप प्रति वर्ष न्यूनतम ₹250 और अधिकतम ₹1,50,000 तक निवेश कर सकते हैं। एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम ₹250 भी जमा न करने पर ₹50 का जुर्माना लग सकता है।
सुकन्या समृद्धि योजना के लिए नए नियम
खाता सीमाएँ: यदि कोई परिवार एक से अधिक सुकन्या समृद्धि खाते खोलता है, तो इसे योजना के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन माना जाएगा और अतिरिक्त खाते बंद किए जा सकते हैं।
खाता स्थानांतरण: ऐसे मामलों में जहाँ दादा-दादी द्वारा खाते खोले जाते हैं, धन को संरक्षकता कानूनों के अनुसार सही खाताधारक या उनके कानूनी अभिभावक को हस्तांतरित किया जाएगा।
निवेश अवधि और निकासी की शर्तें
निवेश अवधि: आप खाता खोलने की तिथि से 14 वर्ष तक सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश जारी रख सकते हैं।
खाता परिपक्वता: खाता खोलने की तिथि के 21 वर्ष बाद परिपक्व होगा। हालाँकि, यदि खाताधारक की शादी 21 वर्ष की आयु से पहले हो जाती है, तो खाता चालू नहीं रहेगा।
शिक्षा और विवाह के लिए निकासी: आप योजना के नियमों के अनुसार, उच्च शिक्षा और विवाह से संबंधित खर्चों को पूरा करने के लिए खाते से धनराशि निकाल सकते हैं।