SIP vs FD- क्या आप निवेश करने की सोच रहे हैं, लेकिन SIP और FD में किसमे करें नहीं समझ आ रहे हैं, जानिए पूरी डिटेल्स
आज हम जिस भागदौड़ और कामकाज वाले जीवन से गुजर रहे हैं। उसको देखकर आप इस बात का अनुमान तो लगा सकते हैं कि भविष्य में कुछ भी हो सकता हैं और हमें उन परेशानियों से बचने और एक सुखी जीवन जीने के लिए आज से ही प्लान करना होगा, खासकर वित्तिय रूप से मजबूत होने के लिए। ऐसे में आपको अपनी कमाई का एक हिस्सा किसी ऐसी जगह निवेश करना चाहिए, जहां से आपको अच्छा रिटर्न प्राप्त हो, ऐसे में म्यूचुअल फंड सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) और फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) सामने आते हैं, लेकिन दोनो में कौनसा सही हैं, आज हम इस लेख के माध्यम से आपको बताएंगे-
म्यूचुअल फंड SIP:
निवेश लचीलापन: SIP आपको समय के साथ म्यूचुअल फंड में निवेश करने की अनुमति देता है, जिससे आपको बाजार की वृद्धि से लाभ उठाने में मदद मिलती है, बिना बाजार के सही समय का पता लगाए।
विविधीकरण: म्यूचुअल फंड में निवेश करके, आपका पैसा विभिन्न शेयरों में फैल जाता है, जिससे एक ही कंपनी में निवेश करने से जुड़े जोखिम कम हो जाते हैं।
जोखिम कारक: SIP पर्याप्त रिटर्न दे सकते हैं, वे बाजार के जोखिमों के अधीन हैं। शेयर की कीमतों में गिरावट से अस्थायी नुकसान हो सकता है।
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD):
सुरक्षा और संरक्षण: FD सबसे सुरक्षित बचत साधनों में से एक है, जो बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद एक निश्चित ब्याज दर पर गारंटीड रिटर्न प्रदान करता है।
पूर्वानुमानित रिटर्न: FD के साथ, आपको पता होता है कि आपको कितना ब्याज मिलेगा, जिससे आपके लिए अपने वित्त की योजना बनाना आसान हो जाता है।
ब्याज दरें: बैंकों द्वारा दी जाने वाली दरें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए सबसे अच्छे सौदे के लिए खरीदारी करना आवश्यक है। हालाँकि, SIP से संभावित आय की तुलना में रिटर्न आम तौर पर कम होता है।
सही विकल्प चुनना
SIP और FD दोनों के अपने-अपने फायदे हैं। आपका चुनाव आपकी जोखिम सहनशीलता, वित्तीय लक्ष्यों और आपके द्वारा निवेश की जाने वाली राशि पर निर्भर होना चाहिए।