शंकर जी को संहार का देवता माना गया है। कहा जाता है। शंकर जी आकृति सौम्य एवं रूप रौद्र है। शिव जी, सृष्टि की उत्पत्ति, स्थिति एवं संहार के अधिपति हैं। त्रिदेवों में से एक शिव जी संहार के देवता माने गए हैं। सिर्फ यही नहीं, शिव अनादि तथा सृष्टि प्रक्रिया के आदि स्रोत माने गए हैं। शिव का अर्थ यद्यपि कल्याणकारी माना गया है, लेकिन वे हमेशा लय एवं प्रलय दोनों को अपने अधीन हैं।

आज सोमवार है और आज का दिन भोलेनाथ को समर्पित है। आज के दिन भोलेनाथ की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। साथ ही उनके मंत्रों का जाप भी किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, सोमवार के दिन अगर शिवजी का व्रत किया जाए तो व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इस दिन केवल भगवान शिव की ही नहीं बल्कि देवी पार्वती जी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। सोमवार को शिवजी का व्रत करने से व्यक्ति की हर मनोकामना की पूर्ति होती है। जो व्यक्ति इस दिन व्रत करते हैं उन्हें दिन में एक ही बार भोजन ग्रहण करना चाहिए। पूजा के दौरान व्यक्ति को भोलेशंकर की आरती और कथा जरूर पढ़नी चाहिए। साथ ही भोलेनाथ के मंत्रों का जाप भी करना चाहिए। आइए पढ़ते हैं शिवजी के मंत्र जिनका जाप आपको पूजा के दौरान करना चाहिए।

शिवजी के मंत्र:

महामृत्युंजय मंत्र:

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

शिव जी का मूल मंत्र:

ऊँ नम: शिवाय।।

भगवान शिव के प्रभावशाली मंत्र:

ओम साधो जातये नम:।।

ओम वाम देवाय नम:।।

ओम अघोराय नम:।।

ओम तत्पुरूषाय नम:।।

ओम ईशानाय नम:।।

ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।।

Related News