Sheetala Ashtami 2021: इस सामग्री के बिना अधूरी है शीतला अष्टमी की पूजा, मां को लगता है इसका भोग
हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार जो भक्त सच्चे मन से मां शीतला की पूजा-अर्चना और यह व्रत करता है उसे सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है, यह भी माना जाता है कि मां शीतला का व्रत करने से शरीर निरोगी होता है शीतला अष्टमी पूजा मुहूर्त इस वर्ष शीतला अष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त 4 अप्रैल 2021 को सुबह 6 बज कर 8 मिनट से शाम 6 बज कर 41 मिनट तक रहेगा।
स्कंद पुराण में माता शीतला का वर्णन है, जिसमें उन्हें रोगों से बचाने वाली देवी बताया गया है,उनके स्वरूप का वर्णन करते हुए पुराण में बताया गया है कि माता शीतला अपने हाथों में कलश, सूप, झाड़ू और नीम के पत्ते धारण करती हैं और गर्दभ (गधा) उनकी सवारी है।
एकमात्र ऐसा व्रत ये एकमात्र ऐसा व्रत है जिसमें बासी भोजन चढ़ाया और खाया जाता है, इस दिन घर में चूल्हा नहीं जलता और भोजन एक दिन पहले बन जाता है। मान्यता के अनुसार शीतला माता को ठंडी चीजें बहुत प्रिय होती है। शीतला सप्तमी और अष्टमी को ठंडी चीजों का भोग लगाया जाता है।
स्वच्छता का रखें ध्यान मां शीतला की पूजा-अर्चना में स्वच्छता का पूरा ख्याल रखना चाहिए, इस दिन प्रात: काल उठ कर स्नान करना चाहिए, फिर व्रत का संकल्प लें और पूरे विधि-विधान से मां शीतला की पूजा करनी चाहिए।