Sharad Purnima 2024 Upay- क्या आप मॉ लक्ष्मी की चाहते हैं कृपा, तो शरद पूर्णिमा पर करें ये उपाय
भारत एक हिंदू राष्ट्रिय देश हैं और यहां हर महीने एक अलग त्यौहार आता हैं, जिसका अलग ही महत्व होता हैं, अक्टूबर शुरु होने के साथ ही त्यौहारी सीजन शुरु हो गया हैं। हाल ही में नवरात्रि समाप्त हुए हैं, शनिवार को पूरा देश दशहरा मना रहा था, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक हैं और अब शरद पूर्णिमा आने वाला हैं, इसे कोजागिरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, यह वर्ष की सबसे पूजनीय पूर्णिमा के रूप में एक विशेष स्थान रखती है। अगर आप मॉ लक्ष्मी की कृपा पाना चाहते हैं तो शरद पूर्णीमा पर करें ये उपाय-
शरद पूर्णिमा का महत्व
माँ लक्ष्मी पृथ्वी पर आती हैं और उनका सम्मान करने वालों को अपना आशीर्वाद देती हैं। भक्त ऐसे अनुष्ठान करते हैं जो उनकी कृपा को आमंत्रित करते हैं, जिससे उनके जीवन में समृद्धि और प्रचुरता सुनिश्चित होती है।
माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद: इस दिन को इस मान्यता से चिह्नित किया जाता है कि देवी लक्ष्मी, प्रसन्न मनोदशा में, अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं।
शरद पूर्णिमा तिथि: इस वर्ष शरद पूर्णिमा तिथि बुधवार, 16 अक्टूबर, 2024 को रात्रि 8:40 बजे से प्रारंभ होकर गुरुवार, 17 अक्टूबर को सायं 4:55 बजे समाप्त होगी। भक्तगण 16 अक्टूबर को व्रत रखेंगे।
पूजा मुहूर्त: शरद पूर्णिमा पर शाम 5:05 बजे चंद्रमा उदय होगा। पारंपरिक प्रथा में खीर (चावल की खीर) को खुले आसमान के नीचे रखना शामिल है, ताकि चांदनी उसमें समा जाए और उसके दिव्य गुणों में वृद्धि हो। इस वर्ष खीर को रात्रि 8:40 बजे से ही बाहर रख देना चाहिए।
समृद्धि के लिए अनुष्ठान और उपाय
सुबह का अनुष्ठान: स्नान करके शुरुआत करें, फिर एक स्टूल पर लाल कपड़ा बिछाएं और मां लक्ष्मी की मूर्ति रखें। उनकी उपस्थिति और आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हुए अनुष्ठानिक पूजा करें।
खीर चढ़ाना: देवी लक्ष्मी को भोग लगाने के लिए खीर तैयार करें। यह कार्य प्रचुरता और कृतज्ञता का प्रतीक है, माना जाता है कि यह आपकी वित्तीय खुशहाली को बढ़ाता है।
कर्ज मुक्ति: वित्तीय बोझ से राहत पाने के इच्छुक लोगों के लिए, श्री सूक्त, कनकधारा स्तोत्र और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने के साथ-साथ खीर से देवी लक्ष्मी की पूजा करना अत्यधिक अनुशंसित है।
धन वृद्धि: अपनी पूजा में पाँच सफ़ेद कौड़ियाँ शामिल करें, क्योंकि ये देवी लक्ष्मी को प्रिय हैं। पूजा के बाद, उन्हें लाल कपड़े में लपेटकर अपनी अलमारी में रखें ताकि निरंतर समृद्धि आए।