इंटरनेट डेस्क: शनिदेव सभी ग्रहों में सबसे निषक्ष न्याकारी होने के साथ-साथ वह सबसे ज्यादा खतरनाक ग्रहो में से एक माने जाते हैं। सूर्य पुत्र शनि देव गलत काम करने वाले लोगों से कभी भी खुश नहीं रहते हैं और वह ऐसे लोगों को कठोर दंड भी देते हैं। कहा गया है की लोगों को शनि जयंती के दिन कुछ भी ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए जिससे कि शानिदेव उनसे नाराज हो जाएं। नहीं तो ऐसा व्यक्ति कंगाल भी हो सकता है।
ज्येष्ठ मास की अमावस्या को शनि जयंती मनाई जाती है और इस बार शनि जयंती 3 जून को है यानी के आज के दिन आज अमावस्या और वट सावित्री व्रत तीनो ही है, इस कारण से इस खास योग में साढ़ेसाती, शनि के ढैया या महादशा से जूझ रहे लोगों के कष्ट इस दिन हमेशा के लिए दूर हो सकते हैं


वैसे जानकारी के लिए बतादें की हर साल शनिदेव का जन्मोत्सव हिंदू कैलेंडर के मुताबिक ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है वहीं सूर्य पुत्र भगवान शनि न्याय के देवता है और सभी 9 ग्रहों में शनि ग्रह का विशेष महत्व माना गया है शनि जयंती के दिन शनि देव को प्रिय काली चीजें जैसे काली उड़द काले कपड़े आदि अर्पित करने से शुभ लाभ मिलता है


अगर आप किसी विद्यट परिस्थतियों से परेशान है तो आप आज के दिन मंदिर में बैठकर शनि स्त्रोत का पाठ करें जो बहुत उत्तम रहता है क्योंकि विशेष पूजा अर्चना करने से शनि देव प्रसन्न होकर मनचाह फल देते है
इसके अलावा शनिवार के दिन पीपल के पेड़ पर शनिदेव की मूर्ति के पास तेल चढ़ाए या फिर उस तेल को गरीबों में दान करें जिससे भी आपकों लाभ मिलेगा शनिवार के दिन आप काले तिल और गुड चीटों को खिलाएं इससे भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं इसके अलावा हम आपकों ऐसी चीजों के बारे में भी बतातें है जिन्हे भगवान को अर्पित करने से शनिदेव प्रसन्न होते है
काले तिल, तेल, काला वस्त्र, देसी गुड़, काली उड़द, नीले फूल, इमरती मीठे पुए

शनिदेव के यह 5 मंत्र, करेंगे हर कष्टों का अंत

ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शन्योरभिस्त्रवन्तु न:।
ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:
मंत्र- ॐ ऐं ह्लीं श्रीशनैश्चराय नम:।
कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:।
सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।।

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