ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी ग्रहों का जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। ग्रहों की शुभ स्थिति जीवन को बेहतर बनाती है, लेकिन यदि ग्रह अनुकूल न हों तो जीवन बर्बाद हो जाता है।

शनि देव: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी ग्रह जीवन पर गहरा प्रभाव डालते हैं। ग्रहों की अच्छी स्थिति जीवन को बेहतर बनाती है, लेकिन यदि ग्रह अनुकूल न हों तो जीवन बर्बाद हो जाता है।

शनि की बात करें तो ज्योतिष शास्त्र में शनि को सबसे क्रूर ग्रह माना जाता है। इसीलिए उन्हें न्याय का देवता भी कहा जाता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि का अशुभ प्रभाव हो, शनि दोष, साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही हो तो उसका जीवन अत्यंत कष्टमय हो जाता है। अत: यदि जन्म कुंडली में शनि दोष हो तो उससे बचने के लिए तुरंत उपाय करने चाहिए।

शनि के अशुभ होने पर होती हैं ये घटनाएं

यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि दोष है तो उसके अपने परिवार के साथ संबंध खराब हो जाते हैं। रिश्तेदारों के साथ रोजाना झगड़े होते हैं और परिवार का माहौल तनावपूर्ण हो जाता है।

कुंडली में शनि की स्थिति कमजोर होने पर व्यक्ति का स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है और वह बात-बात पर गुस्सा करने लगता है। ऐसे में वह मानसिक रूप से परेशान रहता है।

शनि के कमजोर होते ही व्यक्ति बुरी आदतों का शिकार हो जाता है। उसे शराब, ड्रग्स और जुए आदि की लत लग जाती है। बुरी आदतों के विकसित होने से अच्छा जीवन भी बर्बाद हो जाता है।

शनि को मजबूत करने के लिए करें ये काम (Shani Dosha Remedy)

शनि दोष से मुक्ति के लिए शनिवार को पूजा करें। पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और सात बार पीपल की परिक्रमा करें।

काले कुत्ते को शनिदेव का वाहन माना जाता है। ऐसी स्थिति में शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए काले कुत्ते को सरसों के तेल में चुपड़ी हुई रोटी खिलानी चाहिए और भूलकर भी काले कुत्ते को परेशान नहीं करना चाहिए।

दान करने से ग्रहदोष शांत होता है। शनि दोष के प्रभाव को कम करने के लिए शनिवार के दिन काले कपड़े, तिल, उड़द, छत्री, गुड़, सरसों का तेल और चप्पल आदि का दान करें। लेकिन ध्यान रखें कि यह कार्य निस्वार्थ भाव से किया जाना चाहिए।

शनिदेव की बुरी नजर से बचने के लिए मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें।

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