महाभारत में आपने शकुनि मामा के बारे में जरूर सुना होगा। वह हस्तिनापुर महाराज और कौरवों के पिता धृतराष्ट्र का साला था और कौरवों का मामा। दुर्योधन की कुटिल नीतियों के पीछे शकुनि का हाथ माना जाता है। उसने कई बार पाण्डवों के साथ छ्ल किया इसके अलावा उसने दुर्योधन को भी बुरे कर्म करने के लिए उकसाया था।

लेकिन शकुनि के बारे में ये भी कहा जाता है कि वह वाकई में पांडवों का नहीं बल्कि कौरवों का अंत चाहता थाक्योंकि शकुनि ने कौरव कुल के नाश की सौगंध खाई थी और उसके लिए उसने दुर्योधन को अपना मोहरा बना लिया था।

शकुनि का मनपसंद खेल चौसर था आपको जानकर वह पासे में जो अंक कहता वहीं आता था। इस चौसर के खेल से शकुनि ने द्रौपदी का चीरहरण करवाया।

उसके पासे के बारे में कहा जाता है कि ये पास उसके पिता की हड्डियों से बने थे। उन्ही ने शकुनि को कौरवों के अंत के बारे में कहा था क्योकिं धृतराष्ट्र ने उनके पूरे गांधार वंश का अंत कर दिया था जिसका बदला लेने की बात उसके पिता ने शकुनि से कही थी।

ऐसा भी कहा जाता है कि शकुनि के पासे में उसके पिता की आत्मा वास करती थी इसलिए पासे में वही आता था जो शकुनि कहता था।

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