हिंदूओं के लिए सावन का महीना बहुत पवित्र और महत्वपूर्ण होता हैं, क्योंकि यह महीना भगवान शिव को समर्पित होता हैं, इस दौरान भगवान शिव भक्त गहन पूजा और श्रद्धा प्रस्तुत करते हैं, सावन के दौरान अनुष्ठान और व्रत रखने से भगवान शिव की असीम कृपा मिलती है, जिससे आध्यात्मिक और सांसारिक लाभ मिलते हैं।सबसे पूजनीय प्रथाओं में से एक शिवलिंग का रुद्राभिषेक है, जिसे इसके लाभों को अधिकतम करने के लिए विशिष्ट अनुष्ठानों और प्रसाद के साथ किया जा सकता हैं, आज हम इस लेख के माध्यम से आपको बताएंगे कि शिव का अभिषेक करते वक्त किन बातों का रखें ध्यान, आइए जानते हैं इसके बारे में-

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पूजा की तैयारी करें:

शिवलिंग को दूध, दही, शहद, चीनी और घी के पवित्र मिश्रण पंचामृत से स्नान कराकर शुरू करें, शिवलिंग पर पवित्र भस्म लगाएं।

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अर्पण:

भांग, बेलपत्र (बिल्व पत्र), सफेद ओलियंडर फूल, सफेद मदार फूल, धतूरा और शमी के पत्ते चढ़ाएं। इनमें से प्रत्येक वस्तु का आध्यात्मिक महत्व है और पारंपरिक रूप से शिव पूजा में इसका उपयोग किया जाता है।

भक्ति के साथ 108 बार "ओम नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें। यह मंत्र अत्यधिक शुभ माना जाता है और माना जाता है कि इससे दैवीय आशीर्वाद मिलता है।

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इच्छाओं के आधार पर विशेष अर्पण:

धन के लिए: स्फटिक शिवलिंग पर गाय के दूध या गन्ने के रस से अभिषेक करें।

सुख और समृद्धि के लिए: शिवलिंग पर अभिषेक करने से पहले गाय के दूध में चीनी और मेवा मिलाएं।

शत्रुओं पर विजय पाने के लिए: अभिषेक अनुष्ठान के लिए सरसों के तेल का उपयोग करें।

पुत्र के आशीर्वाद के लिए: शिवलिंग पर मक्खन या घी लगाएं।

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