बाहत बार घर के आंगन या दीवारों पर देखा होगा कि छोटी-सी चिंटी किस तरह अपने जीवन का निर्वाह करती हैं और अपने साथियों के साथ भोजन इकठ्ठा करती हैं, और आपने कभी गौर किया होगा तो देखा होगा कि चींटियां हमेशा एक ही लाइन में चलती हैं जबकि उनके कान नहीं होते हैं, और वो सुन नहीं सकते।

चींटियां लाइन में चलती हैं क्योंकि इनकी लीडर द्वारा फेरोमोन रसायन स्रावित किया जाता है जिसकी गंध को सूंघते हुए बाकी चींटियां उसके पीछे चलती जाती हैं जिससे एक लाइन बन जाती है।

आपने कभी सोचा है कि छोटी सी दिखने वाली चींटी अपने वजन से 20 गुना ज्यादा वजन भी उठा सकती है। चींटियों के कान नहीं होते हैं, वो जमीन के कम्पन से ही शोर का अनुभव करती हैं।

आपको बता दे चींटी के शरीर में फेफड़े नहीं होते हैं। ऑक्सीजन और कार्बन डाई ऑक्साइड के आवागमन के लिए चींटी के शरीर पर छोटे-छोटे छिद्र होते हैं।

Related News