हाल के एक अध्ययन के अनुसार, 42 प्रतिशत घरेलू कामगार रीढ़ की हड्डी, पीठ और काठ की बीमारियों से पीड़ित हैं। कोरोना की पहली लहर के बाद ज्यादातर कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम शुरू किया। हालांकि अब कोरोना का प्रकोप कम हो गया है, लेकिन कई कर्मचारी अभी भी घर से काम कर रहे हैं। हालांकि, एक अध्ययन से पता चला है कि घर से काम करने वाले 41% लोग रीढ़ की हड्डी से संबंधित बीमारियों से पीड़ित हैं।

अध्ययन में अवलोकन

पीएमसी लैब द्वारा वर्क फ्रॉम होम परिणामों पर किए गए एक अध्ययन के अनुसार, 41.2 प्रतिशत आबादी रीढ़ की बीमारियों से और 23.5 प्रतिशत सर्वाइकल रोगों से पीड़ित है। घर में काम के लिए एक ही जगह पर लगातार बैठे रहने, घंटों न उठने, स्ट्रेचिंग न करने, काम के बाद भी एक ही जगह पर बैठने से यह बीमारी और बढ़ जाती है।

कहा यह उपाय

रिपोर्ट के मुताबिक, घर से काम करने वाले सभी लोगों को प्रति घंटे कम से कम 6 मिनट का ब्रेक लेना जरूरी है। इससे रीढ़ पर तनाव की मात्रा और उसके दुष्प्रभाव कम होंगे। दैनिक बाल मुद्रा, बिल्ली और गाय की मुद्रा के अलावा, इस रिपोर्ट में योग करने की सलाह दी जाती है।

इससे गर्दन में दर्द होता है

वर्क फ्रॉम होम करने वाले कई लोग गर्दन के दर्द से भी जूझ रहे हैं। सिर और पीठ के बीच ग्रीवा कशेरुकाओं में तनाव गर्दन के दर्द की शुरुआत का कारण बनता है। यह कंधे और पीठ की मांसपेशियों पर तनाव को भी बढ़ाता है। इसलिए, गर्दन के दर्द को भविष्य के कंधे और पीठ दर्द का अग्रदूत माना जाता है। यदि गर्दन में दर्द या अकड़न है, तो तुरंत स्ट्रेचिंग और आराम करने वाले व्यायाम शुरू करने की सलाह दी जाती है। अध्ययन में यह भी पाया गया कि रोजाना चलने और योग करने से घर से काम करने वालों को जीवनशैली से जुड़ी अधिकांश बीमारियों से दूर रहने में मदद मिलेगी।

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