गणतंत्र दिवस: भारत की फिजाओं में सदा याद रहूँगा, आजाद था, आजाद हूँ और आजाद रहूँगा
नहीं सिर्फ जश्न मनाना, नहीं सिर्फ झंडे लहराना, ये काफी नहीं है वतन पर, यादों को नहीं भुलाना, जो कुर्बान हुए उनके लफ़्ज़ों को आगे बढ़ाना, खुदा के लिए नही ज़िन्दगी वतन के लिए लुटाना, हम लाएं है तूफ़ान से कश्ती निकाल के,इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल के….||
भारत के गणतंत्र का, सारे जग में मान, दशकों से खिल रही, उसकी अद्भुत शान, सब धर्मो को देकर मान रचा गया इतिहास का,इसलिए हर देशवासी को इसमें है विश्वास ||
चलो फिर से आज वो नजारा याद करले, चलो फिर से आज वो नजारा याद करले, शहीदों के दिलो में थी जो वो ज्वाला याद करले, जिसमे बहकर आजादी पहुची थी किनारे पे, जिसमे बहकर आजादी पहुची थी किनारे पे, देशभक्ति के खून की वो धारा याद करले ||
खुशनसीब है वो जो वतन पर मिट जाते है, मर कर भी वो लोग अमर हो जाते हैं, करता हूँ उन्हें सलाम ए वतन पर मिटने वालों तुम्हारी हर साँस में बसता तिरंगे का नसीब है ||
इतनी सी बात हवाओ को बताये रखना, रौशनी होगी विरागो को जलाए रखना, लहू देकर की है जिसकी हिफाजत हमने, ऐसे तिरंगे को हमेशा अपने दिल में बसाए रखना ||