हालिया बदलाव ने तत्काल भुगतान सेवा में एक गेम-चेंजिंग नियम पेश किया है जो यूपीआई लेनदेन के लिए उपयोगकर्ता अनुभव को बढ़ाता है। उपयोगकर्ताओं को अब नाम और खाते की जानकारी जैसे लाभार्थी विवरण दर्ज करने की आवश्यकता के बिना 5 लाख रुपये तक का भुगतान करने का अधिकार है। इस सुव्यवस्थित प्रक्रिया का उद्देश्य लेनदेन को सरल बनाना है, जिसके लिए केवल UPI आईडी या फ़ोन नंबर के सत्यापन की आवश्यकता होती है।

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आरबीआई का प्रगतिशील कदम

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 8 दिसंबर को मौद्रिक नीति बैठक के दौरान एक महत्वपूर्ण निर्णय की घोषणा की है। यूपीआई लेनदेन की बढ़ती लोकप्रियता और देश भर में उपयोगकर्ताओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए, गवर्नर दास ने खुलासा किया कि ग्राहक अब ऑनलाइन जुड़ सकते हैं। 5 लाख रुपये तक यूपीआई लेनदेन।

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नए नियम की मुख्य बातें

बढ़ी हुई लेन-देन सीमा: सबसे महत्वपूर्ण बदलाव बढ़ी हुई लेन-देन सीमा में है, जिससे उपयोगकर्ता UPI के माध्यम से 5 लाख रुपये तक का भुगतान कर सकते हैं।

सरलीकृत प्रक्रिया: भुगतान प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करते हुए उपयोगकर्ताओं को अब 5 लाख रुपये तक के लेनदेन के लिए लाभार्थी विवरण बार-बार दर्ज करने की आवश्यकता नहीं है।

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सत्यापन तंत्र: यूपीआई आईडी या फोन नंबर के एक बार सत्यापन के बाद लेनदेन की सुविधा मिलती है, जिससे प्रक्रिया में सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत जुड़ जाती है।

व्यापक प्रयोज्यता: विस्तारित लेन-देन सीमा 5 लाख रुपये तक की विभिन्न वित्तीय गतिविधियों, जैसे स्कूल या कॉलेज की फीस, अस्पताल के बिल और अधिक का भुगतान करने की संभावनाओं को खोलती है।

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