इंटरनेट डेस्क। रमजान का पाक महीना चल रहा है। इस पाक महीने में तीन अरसा होते है। रमजान के पहला असरा गुरुवार को खत्म हो गया है। रमजान के महीने का पहला अरसा रहमत का अरसा होता है। इसके साथ ही गुरुवार की मगरिब की नमाज के बाद से ही इस महीने का दूसरा अरसा शुरू हो गया है। यह अरसा मगफिरत का अरसा है। यह 26 मई तक रहेगा।

दरअसल, रमजान के पाक महीने का दूसरा अरसा मगफिरत का अरसा होता है। इसमें मुस्लिम लोगों के रोजे, इफ्तार, सेहरी, तरावीह और दूसरे नेक कामों को कबूल करता है। इन नेक कामों की वजह से गुनाहगारों की बख्शता है। यह 10वीं रमजान के सूरज डूबने से लेकर 20वीं सूरज डूबने तक रहेगा। हर लम्हे में लाखों गुनाहगारों की मगफिरत होती है।

रमाजन के महीने के इस अरसे में अल्लाह के बंदे अपने गुनाह की माफी मांगते है। इस्लामिक मान्यता के मुताबिक, अगर कोई इंसान रमजान के दूसरे अशरे में अपने गुनाहों से माफी मांगता है, तो दूसरे दिनों के मुकाबले इस समय अल्लाह अपने बंदों को जल्दी माफ करता है।
दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मस्जिद, एकसाथ 40 हजार लोग पढ़ सकते हैं नमाज

RAMZAN SPECIAL: रमाजन में रोजे रखने के ये है फायदे, जानिए

Related News