भारत में एक लंबे समय तक पेट्रोल को बेचने के लिए सरकार एक मात्र कंपनी कंपनी थी सरकार द्वारा चलाई जा रही इंडियन ऑयल के जरिए लोगों को पेट्रोल पहुंचाया जा सकता था। लेकिन पिछले कुछ सालों में रिलायंस एवं कुछ गिनी चुनी कंपनियों ने देश में पेट्रोल बेचना शुरू किया पुलिस स्टाफ अब खबर आ रही है कि देश में छह और निजी कंपनियों को पेट्रोल बेचने की अनुमति दी जा सकेगी।

निजी करण की ओर बढ़ती सरकार द्वारा अब बताया जा रहा है कि 6 निजी कंपनियां भारत में जल्द ही पेट्रोल और डीजल की बिक्री का कार्य कर सकेंगी।

हाल ही में जारी हुई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनियां मानस एग्रो इंडस्ट्रीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर, एमके एग्रोटेक, ऑनसाइट एनर्जी, असम गैस कंपनी, आरबीएमएल सॉल्यूशंस इंडिया और आईएमसी हैं।

इस मामले को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि 2019 संशोधित बाजार परिवहन ईंधन विनियमों के आधार पर, निजी कंपनियों को ईंधन बाजार में काम करने की अनुमति है। उम्मीद है कि पेट्रोलियम खुदरा कारोबार में प्रतिस्पर्धा का स्तर बढ़ेगा जिससे ग्राहकों को फायदा होगा।

केंद्र के दिशानिर्देशों के अनुसार, उन कंपनियों को नए लाइसेंस दिए जाएंगे जिनकी न्यूनतम शुद्ध संपत्ति ₹250 करोड़ है। 2019 के नियमों में यह भी कहा गया है कि लाइसेंस प्राप्त करने के पांच साल के भीतर, कंपनियों को कम से कम 100 पेट्रोल पंप के साथ आना चाहिए, जिनमें से पांच दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित होने चाहिए।

नहीं इसके अलावा जिन निजी कंपनियों को यह अनुमति दी गई है वहां पेट्रोल के दाम किस तरह से तय होंगे इसे लेकर भी अभी तक थोड़ा संख्या बना हुआ है।

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