अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होने जा रहा है और इसके लिए अब तक 2,100 करोड़ रुपए चंदा जमा हो चूका है। जबकि लागत 1,500 करोड़ रुपए बताई गई थी, यानी यह अनुमान से लगभग डेढ़ गुना है। पहले 1,100 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान था, लेकिन नींव का प्लान बदलने की वजह से लागत बढ़ गई।

विश्व हिंदू परिषद ने 15 जनवरी से निधि समर्पण अभियान शुरू किया था। जिन राज्यों में अभियान देर से शुरू हुआ था वहां चंदा जुटाया जा रहा है। ऐसे में धनराशि और बढ़ना तय है।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरि का कहना है कि भविष्य में अगर किसी नए प्लान को शामिल किया जाता है तो इसकी लागत अभी और भी बढ़ सकती है। ऐसा हुआ तो चंदा अभियान फिर चलाया जा सकता है। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कहना है कि अभी कोई सीमा नहीं है कि इसकी लागत कितनी होगी।

विदेशों से भी चंदा देने के मिल रहे प्रस्ताव
स्वामी गोविंद देव गिरि के अनुसार डिपॉजिटर की राशि बैंकों में डिपॉजिट होने की प्रक्रिया अभी चल रही है। सही लेखा-जोखा मार्च के आखिरी तक पूरा हो सकता है। इसी के साथ विदेशों में रहने वाले भी चंदा देने की अपील कर रहे हैं। इन से चंदा लिया जाएगा या नहीं, इसका फैसला मंदिर ट्रस्ट पदाधिकारियों की बैठक में होगा।

मुस्लिमों ने भी मंदिर के लिए दान दिया
ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र के अनुसार चंदा देने में धर्म, जाति और संप्रदाय की बेड़ियां टूटी हैं। सभी धर्मों ने इसमें खुल कर दान दिया है और बड़ी संख्या में इनमे मुस्लिम भी शामिल है।

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