आज की दुनिया में माता - पिता की जॉब सबसे मुश्किल और थेंकलेस जॉब है। इस जॉब के लिए एक नहीं कई मुश्किलें ज़िंदगीं में आती है। एक बच्चे को जन्म देने से लेकर बड़े होने तक का हर एक पल माता - पिता के लिए बहुत अहम होता है। छोटी - छोटी गलतियां भी एक वैवाहिक जीवन को बदलकर रख देती है। वहीं काम काजी महिला के लिए ये ज़िम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। ऐसे में हम अपने बच्चे का किस तरह से बचपन में ख्याल या परवरिश करें कि बड़े होकर उसे एक अच्छा नागरिक बना पाए। आज हम आपको यहां इसी तरह की जानकारी दे रहे है जो के लिए काफी महत्वपूर्ण है।

- हम अधिकतर बच्चे की किसी गलत बात को सभी के सामने सही साबित कर देते है। ताकि उसे बुरा ना लगे , हमे लगता है की हम ये कर के सही कर रहे है। लेकिन आपको बता दे कि आप अपने बच्चे को प्रेरित कर रहे है कि वे अपने व्यवहार को ऐसे ही बनाए रखें। उसकी इस आदत को सुधरने दे।

- अक्सर हम बच्चों के साथ हर छोटी बातों पर खुद से तुलना कर लेते है। आपको बता दे कि इससे आप बच्चे का आत्म विश्वास कमज़ोर बना रहे है।
खुद के साथ आप कभी अपने बच्चों की तुलना नहीं करें। इससे उनको आप डिमोटिवेट कर रहे है।

- बता दें कि सुनना एक कला है और अपने बच्चे की बातो को सुनना बहुत जरूरी भी होता है। उनकी मन की बातों को आराम से टाइम निकल कर उन्हें समय दे और उनकी बातों को गौर से सुने - समझे , इससे बच्चे को अच्छा महसूस रहेगा और वो खुद भी आपके बातें हमेशा ध्यान से सुनेगा।

- कभी अपन बच्चे को समय से पहले और जरुरत से ज्यादा ना दें। इससे उनकी आदते खराब हो जाती है। बच्चे जरुरत से ज़्यादा होने पर ज़िद्दी बन जाते है।
बच्चों को कोई भी चीज बिना मेहनत या जरूरत के मिल जाती है तो वह उस चीज की कद्र नहीं करते है। इस बात को समझ कर ही बच्चो को उनकी जरुरत के हिसाब से चीजे दें।

- बच्चों की हर ज़िद्द को कभी पूरा ना करें। कई बार बच्चे किसी भी बात को लेकर ज़िद्द पकड़ लेते है, कि उन्हें वो चीज चाहिए ही। ज़िद करना बच्चों का स्वभाव है , लेकिन हर ज़िद्द को पूरा करना सही बात नहीं है।

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