कोरोना वायरस इस वक्त बहुत तेजी से फैल रहा है कई शहरों में बड़ी संख्या में लोगों को बेड और ऑक्सीजन नहीं मिल रहा है, ऐसे में स्वास्थ्य विभाग हल्के लक्षणों वाले कई मरीजों को घर पर ही रहकर होम आइसोलेशन में ही रिकवर होने की सलाह दे रहा है, लेकिन मरीज को अस्पताल ले जाने की जरूरत कब हो सकती है, इसके लिए ऑक्सीजन लेवल को मापने के लिए पल्स ऑक्सीमीटर का होना बेहद जरूरी है।

यह एक छोटी सी क्लिप जैसी डिजिटल डिस्प्ले वाली मशीन है जिसे उंगली पर लगाना होता है और फिर रीडिंग आती है,इसकी मदद से खून में ऑक्सीजन का सैचुरेशन लेवल कितना है इसे मापा जा सकता है।

पल्स ऑक्सीमीटर डिवाइस कैसे काम करता है इसकी बात करें तो यह स्किन पर एक तरह का लाइट छोड़ता है और खून की कोशिकाओं के मूवमेंट और उनके रंग का पता लगाता है, एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में 96 फीसदी ऑक्सीजन होना ही चाहिए, अगर ऑक्सीजन लेवल 94 से नीचे जाता है तो यह खतरे की निशानी हो सकता है।

Related News