एक चाय बेचने वाले शख्स को राष्ट्रपति ने पद्मश्री से किया सम्मानित, हर भारतीय को गर्व होगा इनका काम जानकर
गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस ये दो ऐसे मौके हैं जो हमें देशभक्ति से भर देते हैं । लेकिन क्यों ये देशभक्ति इन्हीं दिनों पर जगती है बाकी साल के दिन हम क्या करते हैं । घर, परिवार, दफ्तर, रोजमर्रा के काम बस इतना ही । कुछ अलग करने का सोचें भी सोच से पहले इच्छा शक्ति ही मात खा जाती हैं । ऐसे ही लोगों के लिए प्ररेणा स्रोत हैं डी प्रकाश राव, जो पेशे से एक चाय का ठेला चलाते हैं लेकिन इसके बावजूद ऐसा काम कर रहे हैं कि सुनकर, पढ़कर आप भी उनके जैसा बनने की कोशिश करें
देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में ओडिशा के तीन लोगों को पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया है। कृषि के क्षेत्र में योगदान के लिए कमला पुजारी, समाजसेवा के लिए दैतारी नायक एवं डी.प्रकाश राव को राष्ट्रपति ने पद्मश्री सम्मान प्रदान किया। ओड़िशा के कटक जिला के डी.प्रकाश राव चाय बेचते हैं। वह पिछले 67 सालों से चाय बेचने का काम कर रहे हैं, लेकिन उन्हें चाय बेचकर जो पैसा मिलता है, उसका बड़ा हिस्सा समाजसेवा में लगा देते हैं, जिसके चलते कटक और आसपास के इलाकों के लोग उनका काफी सम्मान करते हैं।
महज 6 साल की उम्र से ही प्रकाश चाय बेचने का काम कर रहे डी.प्रकाश राव ने पढ़ाई में मेधावी होने के बावजूद वित्तीय समस्याओं के चलते पांचवी क्लास के बाद ही उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़ दी थी। हालांकि राव ने इसे एक चुनौती की तरह स्वीकार किया और आज वे झुग्गियों के 70-75 बच्चों को पढ़ाकर अपना ये सपना पूरा कर रहे हैं और यही नहीं, उन्होंने अपनी झुग्गी में ही आशा आश्वासन खोला है, जिसमें वह ऐसे लोगों को सहारा दे रहे हैं, जिनके पास अपना घर नहीं है।’
वो कहते हैं कि, मैं नहीं चाहता हूं कि सिर्फ पैसों की कमी के कारण ये बच्चे पढ़ाई से वंचित रह जायें। इसलिए मैं चाय की दुकान और स्कूल से समय निकाल कर अस्पताल में भी मरीजों की मदद करने के लिए जाता हूं। मैंने अपने जीवन की शुरुआत चाय की दुकान से की थी। बाद में मैं शिक्षक बन गया और अब अस्पताल में लोगों को लगता है कि मैं डॉक्टर भी हूं।जब उनसे पूछा गया कि वे अकेले स्कूल कैसे चला लेते हैं राव ने कहा, मैं ऑफ सीजन प्रतिदिन 600 रूपए कमाता हूं लेकिन सीजन में मैं 700-800 प्रतिदिन कमा लेता हूं। इसलिए पैसा मुद्दा नहीं है। मैं चाहता हूं कि ये बच्चे भविष्य़ में कुछ बन जाएं।
अपने जीवन में अभी तक 217 बार किया है ब्लड डोनेट
सिर्फ इतना ही नहीं, राव ने अपनी जिंदगी में अब तक 217 बार ब्लड भी डोनेट किया है। उन्होंने कहा कि, आज मुझे काफी अवॉर्ड्स मिल चुके हैं, इस पर मेरी पत्नी मुझे कहती है कि घर पर रखने की जगह नहीं है तो इतने अवॉर्ड्स को घर क्यों लाते हो।
पीएम मोदी ने 27 मई को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा था, राव कटक में पांच दशक से एक चाय विक्रेता हैं। आप ये जानकर आश्चर्यचकित होंगे कि उनके प्रयास से 70 बच्चों की जिंदगी में शिक्षा का दीप जल रहा है। उन्होंने एक स्कूल खोला है जिसका नाम है ह्यआशा आश्वासनह्ण जिसमें वे अपनी आधी कमाई बच्चों पर लगा देते हैं। इतना ही नहीं वे स्कूल आने वाले सभी बच्चों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और भोजन सुनिश्चित करते हैं।