भूलकर भी गर्भवती महिलाएं न करें ये 5 काम, वरना बच्चा पैदा होगा विकलांग
मां बनना एक ऐसा सपना है जिसे सिर्फ महिलाएं ही महसूस कर सकती है। वहीं ये भी बता दें कि जब एक मां के गर्भ में बच्चा पल रहा होता है तो मां यही सोच रही होती है कि उसका बच्चा स्वस्थ पैदा हो और उसमें किसी भी प्रकार की शारीरीक व मानिसक कमी न हो। वहीं ये भी बता दें डॉक्टरों का मानना ऐसा भी है कि प्रेग्नेंसी के दौरान कई बार गर्भवती महिलाओं से अनजाने में ही सही कुछ छोटी-छोटी ऐसी गलतियां हो जाती हैं जिसके कारण बच्चों में विकलांगता आ जाती है। दरअसल आपको ये बात शायद पता नहीं होगी लेकिन बता दें कि कैल्शियम और विटामिन डी की कमी के कारण बच्चों के पैरों में परेशानी आने का खतरा रहता है, वहीं इस दौरान बाहर के खानपान का भी गर्भ पर असर होता है।
डॉक्टरों का मानना ये होता है कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में कई बदलाव होते हैं। जिसमें हार्मोनल चेंजेज भी शामिल होते हैं इतना ही नहीं इसकी वजह से हमें समय समय पर कई तरह की चीजें होती हैं जैसे अचानक से कुछ खास खाने का मन होता है जैसे कि खट्टा, चटपटा आदि। तो आपको बता दें कि प्रेग्नेंसी के दौरान ऐसा करना मां को तो संतोष देता ही है, बल्कि इसका बुरा असर बच्चे पर भी पड़ता है, जो उनमें विकलांगता के खतरे को बढ़ा देता है।
आज हम आपको कुछ ऐसी बातें प्रेग्नेंसी के दौरान और उससे पहले इन पांच बातों का ख्याल रखना चाहिए…
1. सबसे पहले तो आपको ये बता दें कि हर महिला को अपनी प्रेग्नेंसी के 3 महीने पहले से उसकी तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। 3 माह पहले ही अपने सारे टेस्ट जैसे की थायरॉयड, सिस्ट आदि हर महिला को जरूर करा लेने चाहिए। इसके अलावा प्रेग्नेंसी के 3 महीने पहले से ही फॉलिक एसिड का सेवन शुरू कर देना चाहिए। ताकि बच्चे और मां में खून की कमी न हो और इसकी वजह से कोई कॉम्पिलिकेशन्स न आएं।
2. वहीं ये भी बता दें कि ऐसे मां हर मां को वायरल इंफेक्शन से दूर रहें। ध्यान रहे कि प्रेग्नेंसी के दौरान मां को ऐसे लोगों से दूर रहना चाहिए, जिन्हे वायरल इंफेक्शन हुआ है। इसके अलावा कोशिश करें कि गर्भवती मां को भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से मना करते हैं। पब्लिक एरिया में कई तरह के इंफेक्शन का डर होता है, जिसकी वजह से बच्चे के सुनने और बोलने की क्षमता प्रभावित होती है। बच्चा गूंगा और बहरा पैदा हो सकता है।
3. प्रेग्नेंसी के दौरान किसी ज्यादा शोरगुल वाले माहौल में नहीं रहना चाहिए। वहीं ये भी बता दें कि इससे बच्चा बहरा जन्म ले सकता है। एक सर्वे में ये बात सामने आई की ध्वनि प्रदूषण बच्चों को गर्भ में ही बहरा बना देता है इस तरह के बच्चों की बोलने की क्षमता भी प्रभावित हो जाती है, क्योंकि बच्चा जब तक कुछ सुनेगा नहीं, तो बोलना सिखेगा कैसे।
4. बाहर का खाना बिल्कुल ना खाएं। ऐसे में बच्चे की सेहत के लिए जरूरी है कि आप अपनी जुबान पर थोड़ा कंट्रोल रखें और बाहर का खाना खाने से बचें। ध्यान रहे की इस दौरान गर्भवती महिला खासतौर से पिज्जा, बर्गर, रोड साइड चाट-पकौड़े आदि को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दें।
5. वहीं ध्यान रहे कि इस दौरान कोल्ड ड्रिंक्स और बाहर का जूस तो भूल ही जाएं। प्रेग्नेंसी में जूस पीना फायदेमंद होता है, लेकिन बाहर का जून पीने में कई खतरा भी है। बाहर का जूस बैक्टीरिया इंफेक्टेड हो सकता है। वहीं कोल्ड ड्रिंक्स में उच्च मात्रा में प्रिजर्वेटिव्स का इस्तेमाल होता है।