नवरात्र से लेकर दशहरा तक राक्षसों के नाश के बात होती रहती है लेकिन बता दे आज के भारत में भी कई राक्षस ऐसे हैं, जिनका नाश होना काफी जरूरी हैं,ये राक्षस हैं- बड़े स्तर पर फैली बेरोजगारी, करोड़ों लोगों में गरीबी और गरीब-अमीर की कमाई में अंतर

हमेशा से भारत में गरीबी अहम समस्या रही है और अभी भी एक बड़ा वर्ग दो टाइम की रोटी भी आराम से नहीं खा पा रहा है,ऐसे में आज हम आपको बताते हैं भारत की गरीबी के आंकड़े क्या कहते हैं, तो आज हम आपको इन 'राक्षसों' के बारे में बता रहे हैं कि आखिर किस तरह से भारत में डेरा डाले हुए हैं

भारत के नागरिकों की औसत कमाई 203500 रुपये (सालाना) और करीब 17000 रुपये (महीना) है

भारत के 1 फीसदी लोग तो ऐसे हैं, जो हर साल औसत 44,44,000 रुपये कमा रहे हैं. वहीं एक बड़ा वर्ग हर साल 55000 रुपये भी नहीं कमा पा रहा है

अगर भारत में गरीबी की बात करें तो इसका प्रतिशत तो कम हुआ है,बता दे की साल 1973 में 54.9 लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे थे,मगर संख्या के लिहाज से स्थिति काफी खराब है,साल 2019 तक 346.3 मिलियन लोग गरीबी रेखा के नीचे हैं


बेरोजगारी का प्रतिशत भी करीब 40 फीसदी के आसपास है, 2021 में 39.8 फीसदी बेरोजगारी थी

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