By Jitendra Jangid- दुनिया में किसी भी महीला के लिए मॉ बनना उसके जीवन का सबसे बड़ा क्षण होता हैं, लेकिन कई बार इस खुशी को आर्थिक स्थिति खुशी को कम कर सकती हैं, इस समस्या को समझते हुए सरकार ने भारत सरकार ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) शुरु की हैं, जिसका उद्देश्य गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं की सहायता करना है। सरकार ने इस कार्यक्रम को बढ़ाने के लिए नए नियम पेश किए हैं, खासकर बेटियों के जन्म को बढ़ावा देने के लिए। आइए जानते हैं इसके बारे में पूरी डिटेल्स

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वित्तीय सहायता: PMMVY के तहत, पात्र गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को तीन किस्तों में कुल ₹5,000 मिलते हैं।

अद्यतन पात्रता: केंद्र सरकार ने उन महिलाओं को भत्ता प्राप्त करने की अनुमति देने के लिए नियमों में संशोधन किया है जो फिर से गर्भवती हैं या स्तनपान करा रही हैं, बशर्ते कि उनका दूसरा बच्चा बेटी हो।

कार्यान्वयन तिथि: ये नए नियम 1 अप्रैल, 2022 से प्रभावी होंगे।

सहयोगी प्रयास: महिला एवं बाल विकास मंत्रालय इन सुधारों के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (BPR&D) के साथ मिलकर काम कर रहा है।

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किस्तों का विवरण:

₹5,000 तीन किस्तों में वितरित किए जाते हैं:

पहली किस्त: आवेदन के समय ₹1,000

दूसरी किस्त: बच्चे के जन्म के समय दी जाती है।

तीसरी किस्त: बच्चे को पोलियो और खसरे के टीके लगने के बाद दी जाती है।

संभावित परिवर्तन: ऐसी अटकलें हैं कि सरकार वित्तीय सहायता की कुल राशि बढ़ा सकती है और भविष्य में तीन के बजाय दो किस्तों की अनुमति भी दे सकती है।

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आवेदन की आवश्यकताएँ:

आवेदन प्रपत्र A

मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य (MCH) कार्ड

पहचान का प्रमाण

बैंक या डाकघर खाता विवरण

प्रसवपूर्व जाँच के लिए पात्रता: सहायता के लिए अर्हता प्राप्त करने के लिए महिलाओं को गर्भावस्था के 180 दिनों के बाद कम से कम एक प्रसवपूर्व जाँच के लिए आवश्यक दस्तावेज़ों के साथ दावा प्रस्तुत करना होगा।

टीकाकरण की आवश्यकताएँ: बच्चे के जन्म के बाद, अंतिम किस्त प्राप्त करने के लिए कई टीकाकरण अनिवार्य हैं।

आवेदन प्रक्रिया: इच्छुक व्यक्ति प्रक्रिया शुरू करने के लिए अपने निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर आवेदन कर सकते हैं।

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