PMBJP- प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र से यह लोग उठा सकता हैं फायदा, जानिए पूरी जानकारी
हम इससे पहले कई बार आपको बता चुके हैं कि भारतीय केंद्र सरकार अपने देश के आर्थिक रूप से कमजोर लोगो की मदद के लिए विभिन्न प्रकार की सरकारी योजनाएं शुरू करती हैं, जिनका उद्देश्य इन लोगो की मदद और उत्थान हैं, हाल ही में चिकित्सा उपचार और दवाओं से जुड़ी उच्च लागतों के मद्देनजर, केंद्र सरकार नेवहनीयता को प्राथमिकता दी है। बीमार पड़ने या चोट लगने वाले व्यक्तियों पर वित्तीय बोझ कम करने के लिए, देश भर में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों की स्थापना का प्रस्ताव रखा गया है।
मूल रूप से 2008 में जन औषधि परियोजना के रूप में शुरू की गई इस पहल को 2015 में नरेंद्र मोदी सरकार के तहत काफी विस्तारित किया गया और बाद में इसका नाम बदलकर प्रधानमंत्री जन औषधि योजना कर दिया गया। इसका प्राथमिक लक्ष्य काफी कम कीमतों पर उच्च गुणवत्ता वाली दवाइयाँ उपलब्ध कराना है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पिछड़े वर्गों सहित आर्थिक रूप से वंचित व्यक्तियों को सस्ती दवाइयाँ मिल सकें।
उद्देश्य और लाभ
सस्ती दवाइयाँ: जेनेरिक दवाओं के उपयोग को बढ़ावा देकर, यह पहल लागत को कम करती है और कम कीमतों पर प्रभावी उपचारों की उपलब्धता के बारे में जागरूकता बढ़ाती है।
रोजगार के अवसर: प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों ने रोजगार के अवसर भी पैदा किए हैं। सरकार इन केंद्रों को खोलने के लिए 2 से 2.5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करती है
विशेष प्रोत्साहन: पूर्वोत्तर राज्यों और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में स्थापित केंद्रों के लिए 15% बोनस सहित विशेष प्रोत्साहन की पेशकश की जाती है।