केंद्र और राज्य सरकारें देश के आर्थिक रूप से कमजोर की मदद और उत्थान के लिए कई प्रकार की सरकारी योजनाएं चलाती हैं, ऐसे में हाल ही में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपने 73वें जन्मदिन पर 'पीएम विश्वकर्मा योजना' जारी की, यह एक ऐसी सरकारी योजना हैं जिसका उद्देश्य व्यक्तियों को अपना व्यवसाय शुरू करने में सहायता करना है। यह पहल कारीगरों और कुशल श्रमिकों को लक्षित करती है, उन्हें बिना किसी गारंटी के 3 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान करती है, आज हम इस लेख के माध्यम से आपको पीएम विश्वकर्मा योजना की सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे-

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1. पारंपरिक कौशल को सशक्त बनाना:

विश्वकर्मा योजना के तहत, सरकार पारंपरिक कौशल वाले कारीगरों जैसे सुनार, लोहार, नाई, मोची आदि को अपना साथ प्रदान करती है। इस योजना में 18 पारंपरिक व्यवसायों को शामिल किया गया है, जिससे देश भर के ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के कारीगरों और शिल्पकारों को लाभ होगा।

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2. दो चरणों में ऋण प्रावधान:

प्रमुख विशेषताओं में से एक दो चरणों में ऋण की पहुंच है। प्रारंभ में, लाभार्थी अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए 1 लाख रुपये का ऋण प्राप्त कर सकते हैं। इसके बाद, वे 2 लाख रुपये तक के अतिरिक्त ऋण के साथ अपने उद्यम का विस्तार कर सकते हैं।

3. कौशल संवर्धन और प्रशिक्षण:

वित्तीय सहायता के साथ-साथ, यह योजना मास्टर प्रशिक्षकों द्वारा आयोजित प्रशिक्षण सत्रों के माध्यम से कौशल वृद्धि पर जोर देती है। इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के दौरान लाभार्थी प्रति दिन 500 रुपये के वजीफे के हकदार हैं। इसके अलावा, उन्हें पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और आईडी कार्ड प्राप्त होता है

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4. टूलकिट प्रोत्साहन और डिजिटल लेनदेन:

योजना में प्रतिभागियों को डिजिटल लेनदेन अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। उन्हें डिजिटल भुगतान विधियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए 15,000 रुपये का टूलकिट प्रोत्साहन मिलता है।

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