हिंदू धर्म में पितृ पक्ष (श्राद्ध) को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता हैं, जिसके दौरान हिंदू अपने पूर्वजों को सम्मान व्यक्त करते हैँ। इन 15 दिनों में कोई शुभ काम नहीं किए जाते हैं, जिससे परिवार अपने दिवंगत प्रियजनों की आत्मा की शांति सुनिश्चित करने के लिए अनुष्ठान करने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। लेकिन एक सवाल जो सबके मन में उठता हैं कि इस दौरान बच्चा हो जाएं, तो वो कैसा होगा, आइए जानते हैं इस सवाल का जवाब

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पूर्वजों का आशीर्वाद: पितृ पक्ष के दौरान जन्म लेना अत्यधिक शुभ माना जाता है। इस अवधि में पैदा हुए बच्चों को उनके पूर्वजों से विशेष आशीर्वाद मिलता है, जिससे उनका जीवन समृद्ध हो सकता है।

सौभाग्य लाना: ऐसे बच्चों को अक्सर अपने परिवार के लिए सौभाग्य का अग्रदूत माना जाता है। उनकी उपस्थिति परिवार के भाग्य को बढ़ाती है, और माना जाता है कि वे अपने प्रयासों में सफल होते हैं।

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परिपक्वता और बुद्धि: इस समय के दौरान पैदा हुए बच्चे अपनी उम्र से कहीं ज़्यादा बुद्धिमान होते हैं। वे अक्सर जीवन के शुरुआती दौर में ही जिम्मेदारी की भावना प्रदर्शित करते हैं और नकारात्मक प्रभावों से दूर रहकर परिपक्व निर्णय लेने के लिए जाने जाते हैं।

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भावनात्मक संवेदनशीलता: दूसरी ओर, ज्योतिषीय मान्यताओं से पता चलता है कि इन बच्चों को अपने चार्ट में कमजोर चंद्रमा के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

ज्योतिषीय उपाय: ज्योतिष चंद्रमा के प्रभाव को मजबूत करने के लिए उपाय प्रदान करता है, जिससे इन बच्चों को अपनी भावनात्मक चुनौतियों को अधिक प्रभावी ढंग से नेविगेट करने में मदद मिलती है।

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