दोस्तो हिंदू धर्म में हर दिन बहुत ही महत्वपूर्ण हैं, जैसे कि अभी सावन का महीना समाप्त हुआ हैं जो भगवान को शिव को समर्पित था अब हिंदू कैलेंडर के अनुसार 17 सितंबर से पितृ पक्ष शुरु होने वाले हैं, जो 2 अक्टूबर को समाप्त होगें, इस दौरान विशिष्ट अनुष्ठानों और प्रसाद के माध्यम से हमारे पूर्वजों को सम्मानित करने और प्रसन्न करने के लिए समर्पित है। दिवंगत आत्माओं की शांति सुनिश्चित करने और आध्यात्मिक सद्भाव बनाए रखने के लिए पितृ पक्ष का सही तरीके से पालन करना महत्वपूर्ण हैं, आज हम इस लेख के माध्यम से आपको बताएंगे कि पितृ पक्ष से पहले हमें क्या नही खाना चाहिए-

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पितृ पक्ष के दौरान, श्राद्ध अनुष्ठान करने वालों के लिए सात्विक (शुद्ध) आहार का पालन करना आवश्यक है, बाहर का खाना बिल्कुल भी न खाएं।

16 दिनों की अवधि के दौरान, प्याज, लहसुन, मांस और अन्य तामसिक (अशुद्ध) वस्तुओं से परहेज करते हुए, सरल, शुद्ध भोजन खाने पर ध्यान देना चाहिए।

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धार्मिक प्रथाएँ:

यह अवधि मृत पूर्वजों के सम्मान के लिए अनुष्ठान करने का समय है। पिंडदान के लिए गया जाने वाले तीर्थयात्रियों को सख्त दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए। बाल, नाखून काटना और दाढ़ी बनाना जैसी गतिविधियों से बचना चाहिए। इस पवित्र समय के दौरान धैर्य, सदाचार और ब्रह्मचर्य का पालन करना महत्वपूर्ण है।

परिवार की भागीदारी: यदि आप पिंडदान करने के लिए गया जाने की योजना बना रहे हैं, तो अपने परिवार को साथ लाने की सलाह दी जाती है। यह न केवल सुनिश्चित करता है कि अनुष्ठान उचित भक्ति के साथ किया जाता है, बल्कि आपके पूर्वजों से विशेष आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।

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आहार विकल्प: पितृ पक्ष के दौरान, ऐसे आहार पर ध्यान दें जिसमें दालें, चावल और हरी सब्जियाँ शामिल हों। बैंगन, टमाटर और लौकी जैसे खाद्य पदार्थों से आमतौर पर परहेज किया जाता है।

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