पेट्रोल डीजल की कीमतें हर दिन बढ़ती जा रही है और आसमान छु रही है। इस से आम आदमी बेहद परेशान है। लेकिन अगर केंद्र सरकार पेट्रोलियम उत्पादों को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स के दायरे में ले आए तो पेट्रोल की कीमतें आधी रह जाएगी। अगर जीएसटी की उच्चतम दर भी पेट्रोल-डीजल पर लागू हो तो भी पेट्रोल डीजल की कीमत आधी हो जाएगी।


ट्रोल और डीजल पर केंद्र सरकार उत्पाद शुल्क और राज्य वैट वसूलते हैं। इसी के चलते 35 रुपए का पेट्रोल हमें 90 से 100 रुपए प्रति लीटर तक मिलता है। दिल्ली में पेट्रोल और डीजल पर केंद्र ने 32.98 रुपए लीटर और 31.83 रुपए लीटर का उत्पाद शुल्क लगाया है। जीएसटी को 1 जुलाई, 2017 को पेश किया गया था लेकिन पेट्रोल और डीजल को इससे बाहर रखा गया क्योकिं केंद्र और राज्य सरकारों को खजाने को इसी से भरा जाता है।

जीएसटी परिषद ने कम स्लैब का विकल्प चुना, तो कीमतों में कमी आ सकती है। वर्तमान में, भारत में चार प्राथमिक जीएसटी दर हैं - 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत। जबकि केंद्र और राज्य सरकारें इस पर 100 प्रतिशत से ज्यादा टैक्स वसूल रही हैं।

चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों के दौरान पेट्रोलियम क्षेत्र ने सरकारी खजाने में 2,37,338 करोड़ रुपए का योगदान दिया। इसमें से 1,53,281 करोड़ रुपए केंद्र की हिस्सेदारी थी और 84,057 रुपए का हिस्सा राज्याें का था।

पूरे देश में राजस्थान पेट्रोल पर 36 प्रतिशत पर वैट रखते हुए सबसे अधिक कर वसूलता है। इसके बाद तेलंगाना में वैट 35.2 प्रतिशत है। पेट्रोल पर 30 प्रतिशत से अधिक वैट वाले अन्य राज्यों में केरल, कर्नाटक, असम, आंध्र प्रदेश, दिल्ली और मध्य प्रदेश शामिल हैं।

Related News