इस साल इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय दो विकल्प उपलब्ध हैं। पहला विकल्प टैक्स योग्य आय नहीं होने पर टैक्स रिटर्न प्राप्त करना है और दूसरा विकल्प रियायती कर है।

आपने कौन सा विकल्प चुना है?

अगर आपने अपना इनकम टैक्स रिटर्न पुराने टैक्स सिस्टम के मुताबिक फाइल किया है तो आपको इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80C से 80U के तहत टैक्स कटौती से जुड़ी डिटेल्स फाइल करनी होगी।

यदि आपने इन बचत का विवरण भरा है ताकि आपका नियोक्ता आपके वेतन पर कम कर काट सके, तो आपको नियोक्ता से इस संबंध में फॉर्म नंबर 16 के लिए पूछना चाहिए।

यदि आपने नियोक्ता को यह जानकारी नहीं दी है, तो आप आयकर रिटर्न दाखिल करते समय इन कटौतियों की जानकारी भर सकते हैं। इसके लिए ITR-1 आवेदन उपलब्ध है।

80C, 80CCC, 80CCD (1), 80CCD (1B) और 80CCD (2) पर अक्सर सेक्शन 80C के तहत टैक्स सेविंग का दावा किया जाता है।

80 सीसीसी और 80 सीसीडी (1) के तहत टैक्स बचत भी की जा सकती है। राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली, अटल पेंशन योजना में निवेश करके कर बचत की जा सकती है। प्रति वर्ष 1.5 लाख रुपये तक की बचत करना आवश्यक है।

यदि किसी वित्तीय वर्ष में 25,000 रुपये तक के स्वास्थ्य बीमा योजना पर प्रीमियम का भुगतान किया जाता है, तो इस राशि को आयकर अधिनियम की धारा 80डी लागू करके कर से काटा जा सकता है।

करदाता निवारक स्वास्थ्य जांच पर 5,000 रुपये तक की कर कटौती का भी दावा कर सकते हैं।

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अगर घर में कोई विकलांग व्यक्ति है तो उसकी देखभाल के खर्च पर भी टैक्स की बचत की जा सकती है। धारा 80DD के तहत एक समान प्रावधान है। हालांकि, अगर कोई विकलांग व्यक्ति अपने दम पर टैक्स बचाने को तैयार है, तो धारा 80U के तहत एक प्रावधान है।

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