नाग पंचमी के दिन इन नाग मंदिरों में दर्शन मात्र से दूर होता है कालसर्प दोष
इंटरनेट डेस्क। हिन्दू धर्म में सावन के महीने को बहुत पवित्र माना जाता है। भगवान शिव को यह महीना बहुत प्रिय है और इस महीने में पंचमी तिथि को 'नाग पंचमी' के नाम से जाना जाता है। नाग पंचमी के दिन नाग पूजा का ख़ास महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन नाग पूजा करने से नाग देवता और भोलेनाथ प्रसन्न होते है और आपके सभी कष्ट भी दूर होते है। कालसर्प दोष निवारण के लिए कालसर्प पूजा करने के लिए इस दिन को सबसे शुभ माना जाता है। भारत में कई ऐसे मंदिर है जिनके दर्शन मात्र से कालसर्प दोष दूर हो जाता है।
नाग चंद्ररेश्वर मंदिर - यह मंदिर देश के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकाल मंदिर में स्थित है। इस मंदिर में नाग देवता के दर्शन वर्ष के केवल एक बार नाग पंचमी के दिन होते है।
मन्नारशाला - केरल के अलेप्पी जिले में स्थित कई एकड़ में फैले इस मंदिर में एक या दो नहीं बल्कि नाग देवता की 30 हजार प्रतिमाएं है। मान्यताओं के अनुसार इस जगह का निर्माण परशुराम ने किया था। इस मंदिर में नागराज अपनी पत्नी संग विराजमान है।
नाग वासुकी मंदिर - भगवान शिव के गले के सांप को वासुकी के नाम से जाना जाता है। नाग वासुकी का यह मंदिर इलाहबाद में गंगा नदी के किनारे बना हुआ है। ऐसा कहा जाता है कि नाग पंचमी के दिन इस मंदिर में दर्शन करने से कालसर्प दोष दूर होता है।