Offbeat: कौन था महाभारत का वो योद्धा जिसका केवल प्रेम के दम पर किया जा सकता था वध, युधिष्ठिर ने किया था अंत
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महाभारत का भयंकर युद्ध अपने अंतिम चरण में था। उस समय कर्ण का वध हो चूका था और तब दुर्योधन ने राजा शल्य को कौरवों का संपत्ति बनाया।
तब कृष्ण ने युधिष्ठिर को जाकर कहा कि सिर्फ आप शल्य को मार सकते हैं। श्रीकृष्ण ने इस बारे में युधिष्ठिर को जानकारी दी कि शल्य के भीतर एक दैत्य है जो क्रोध और आक्रामकता से पोषित होता है।
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अगर शल्य को हराना है तो प्रेम के साथ लड़ना होगा। उन्हें प्रेम और सम्मान के दम पर हराया जा सकता है। श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर से कहा कि सिर्फ आप ऐसा कर सकते हैं और उनका वध कर सकते हैं।
इसके बाद युधिष्ठिर बिना किसी गुस्से के दिल में प्यार और सम्मान लेकर लड़ने पहुंचे। इसके बाद युधिष्ठिर ने एक ही भाले से उनका वध कर दिया।
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इसके बाद युधिष्ठिर रोने लगे क्योंकि शल्य माद्री के भाई थे और नकुल और सहदेव के मामा थे।