Offbeat: बादशाह ही नहीं बल्कि ये लोग भी बनाते थे हरम की रानियों के साथ संबंध, इतिहास के पन्नों में दफन है ये अनसुने राज
pc: indianews
मुगल हरम भारत के शाही अतीत का एक पहलु ही नहीं थे बल्कि महिलाओं की भूमिकाओं, अधिकारों और मुगल साम्राज्य के सामाजिक-राजनीतिक ताने-बाने को भी दर्शाते थे। अकबर से लेकर शाहजहाँ और जहाँगीर तक, इन सभी शासकों के हरम में हजारों महिलाऐं रहती थी। इन सभी का मकसद एक ही था शासकों और राज्य के मुख्य अधिकारीयों और बड़े पदों अधीनस्थ लोगों को अपनी ओर आकर्षित करना।
दीवारों के पीछे जीवन
हरम में महिलाएँ सबकी नजरों से दूर एकांत में रहती थी और इन्हे बाहरी दुनिया से जुड़ने की मनाही थी। इस विशिष्ट दुनिया में अगर कोई महिला आ गई तो उसे आगे की जिंदगी एक दायरे में ही जीनी पड़ती थी। उनकी प्राथमिक भूमिकाएँ सेवा करना, मनोरंजन करना और कभी-कभी सम्राट के साथ संबंध बनाना था। हालाँकि, जो महिलाऐं सम्राट का दिल जीतने में सक्षम होती थी, वे इन सब से ऊपर उठ सकती थी, विशेषाधिकार प्राप्त कर सकती थी और दुनिया से परे पहुँच सकती थी।
मुगल हरम और अधिकारियों के साथ संबंध
सभी महिलाओं को ऐसा मौका नहीं मिल पाता था क्योकिं कई हरम में महिलाओं की संख्या हजारों तक भी पहुंच जाती थी। हरम की महिलाएं अक्सर अधिकारियों के साथ संबंध स्थापित करतीं, क्योकिं इस से उन्हें बाहरी दुनिया के बारे में जानकारी मिलती थी। इससे यह संकेत मिलता है कि हरम में महिलाओं का स्थान और उनका प्रभाव सम्राट के निजी रिश्तों और अधिकारियों के साथ संवाद पर निर्भर था।
अनकही चुनौतियाँ
स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे और दुःख हरम के प्रमुख मुद्दे थे। अगर कोई महिला बीमार पड़ जाती थी तो उसे बीमार खाने में भेज दिया जाता था। जहांगीर के हरम में इस तरह की स्थितियां बहुत सामान्य थीं, क्योंकि वह इस विचारधारा का पालन करता था कि हरम में केवल सुख और आनंद की बातें होनी चाहिए। दुख, बीमारी, और मृत्यु पर चर्चा करना हरम की व्यवस्था में निषिद्ध था।
हरम की महिलाएं: शक्ति, राजनीति और सामाजिक स्थिति
मुगल हरम की महिलाएं केवल शारीरिक संबंधों और मनोरंजन तक ही सीमित नहीं थी बल्कि वे सत्ता और राजनीति में भी एक अहम भूमिका निभाती थीं। अकबर की पत्नी मरियम-उज़-ज़मानी और शाहजहाँ की रानी मुमताज़ महल जैसी हस्तियों ने कूटनीति और प्रशासन में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं। इन महिलाओं ने प्रेम और शक्ति के द्वंद्व को मूर्त रूप दिया, अपने पदों का उपयोग करके मुगल साम्राज्य की विरासत को आकार दिया।
आखिरकार, मुगल हरम जटिल शक्ति संरचनाएँ थीं, जो शाही भारत में लिंग, अधिकार और राजनीति के प्रतिच्छेदन को प्रकट करती थीं।