BY: Varsha Saini

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भूत-प्रेत से जुड़ी कहानियां आपने जरूर सुनी होगी। अलग अलग धर्मों में इन रहस्यमयी शक्तियों से जुड़ी अलग अलग धारणाएं है। अक्सर हम सुनते हैं कि भूत कई बार इंसानों से संपर्क करने की कोशिश करते हैं या फिर अपनी मौजूदगी का अहसास करवाते हैं। बहुत से लोग इन चीजों में विश्वास नहीं करते हैं तो वाकई कोई ऐसी शक्ति होती है? इस सवाल का जवाब खोजने के लिए हमें विज्ञान, मनोविज्ञान के बीच संतुलन बनाना होगा।

हम यह बताने की कोशिश करेंगे कि क्या भूत वाकई इंसानों का पीछा करते हैं?

भूत-प्रेत की अवधारणा का इतिहास

भारत में भूत-प्रेतों की कहानियाँ आपने कई बार सुनी होगी। पौराणिक कथाओं, लोककथाओं और धार्मिक ग्रंथों में भी आत्माओं की मौजूदगी का जिक्र है। ऐसा माना जाता है कि कुछ आत्माएँ, जिनकी कोई इच्छा अधूरी रह जाती है उन्हें मोक्ष प्राप्त नहीं होता और वे भूत बनकर धरती पर भटकती हैं। ऐसी आत्माएँ उन लोगों को परेशान करती है जिनसे उनका व्यक्तिगत संबंध रहा हो।

विज्ञान और भूतों के बीच संबंध

विज्ञान की मानें तो ऐसी एंटिटीज को साबित करने का कोई ठोस सबूत नहीं है। मनो विज्ञान ऐसी घटनाओं को ‘मतिभ्रम’ या मानसिक भ्रम से जोड़ता है। जब किसी व्यक्ति को कोई तनाव हो तो उसे ऐसा लग सकता है कि कोई अदृश्य शक्ति उसका पीछा कर रही है। इसके पीछे तंत्रिका तंत्र और मस्तिष्क में होने वाली केमिकल एक्टिविटीज भी जिम्मेदार हो सकती है।

कई लोगों ने भूतों के होने का किया दावा

हालांकि, कई लोग अपने अनुभवों के आधार पर बताते हैं कि उन्हें लगता है भूत उनका पीछा कर रहे हैं। इन्हें कभी-कभी असाधारण गतिविधियाँ या आत्मा घटनाएँ कहा जाता है। इनमे आवाज़ें सुनना, किसी अदृश्य शक्ति की उपस्थिति महसूस करना या किसी मरे हुए व्यक्ति से जुड़े सपने देखना शामिल है

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