बुधवार को दिल्ली सरकार ने सभी पेट्रोल पंपों को केवल उन वाहन मालिकों को ईंधन की आपूर्ति करने का निर्देश दिया जिनके पास अपने वाहनों के लिए वैध 'प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र' है। बता दे की, परिवहन विभाग ने एक नोटिस जारी कर उन सभी वाहन मालिकों को निर्देश दिया है कि वे पीयूसीसी के लिए अपने वाहनों की जांच करवाएं, जिनके वाहन पंजीकरण की तारीख से एक वर्ष से अधिक पुराने हैं।

बता दे की, विभाग ने वाहन मालिकों को असुविधा और कानून के तहत कार्रवाई से बचने के लिए 25 अक्टूबर से पहले वैध पीयूसीसी प्राप्त करने को कहा है। पर्यावरण विभाग 25 अक्टूबर से वैध पीयूसीसी दिखाने के बाद ही सभी पेट्रोल, डीजल और सीएनजी पंप डीलरों के लिए वाहनों को ईंधन बेचना अनिवार्य करने के लिए एक अधिसूचना जारी करने पर विचार कर रहा है। दिल्ली में अक्टूबर से दिसंबर तक वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या है।

यातायात विभाग कार्रवाई करता है, लेकिन प्रयास नाकाफी है। वाहनों को पीयूसीसी लेनी पड़ती है, जिससे पता चलता है कि ऐसे वाहन का प्रदूषण नियंत्रण में है और पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं है। पीयूसीसी सर्टिफिकेट खत्म होने के बाद भी लोग सड़कों पर वाहन चलाते नजर आ रहे हैं। अब ऐसे लोगों को तेल मिलना मुश्किल होगा।

आपकी जानकारी के लिए बता दे की, दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने दिल्ली में 954 प्रदूषण जांच केंद्र स्थापित किए हैं जो पेट्रोल पंपों और कार्यशालाओं में चलाए जाते हैं। इन केंद्रों पर पीयूसीसी प्रमाणपत्र प्राप्त किया जा सकता है। वाहन में प्रदूषण की जांच की जाएगी और उसके आधार पर प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।

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