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निर्जला एकादशी को 24 एकादशी व्रतों में सबसे कठिन और महत्वपूर्ण माना जाता है। वर्ष 2024 में निर्जला एकादशी व्रत 18 जून, मंगलवार को मनाया जाएगा।

यह व्रत कठिन इसलिए माना जाता है क्योंकि यह ज्येष्ठ माह की भीषण गर्मी में बिना पानी पिए किया जाता है, जो गर्मी के मौसम में सहनशक्ति की सच्ची परीक्षा है। इस व्रत के दौरान न तो भोजन किया जाता है और न ही पानी।

निर्जला एकादशी का बहुत महत्व है क्योंकि भले ही आप पूरे साल में सभी एकादशी व्रत न रख पाएं, लेकिन सिर्फ इस एक निर्जला एकादशी का पालन करने से आपको बाकी सभी एकादशी व्रतों का पुण्य मिल सकता है।

निर्जला एकादशी को भीमसेनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू धर्म में इसका बहुत महत्व है और यह ज्येष्ठ माह की दूसरी एकादशी को पड़ती है। यह व्रत गंगा दशहरा के अगले दिन मनाया जाता है।

निर्जला एकादशी पर कुछ खास उपाय करने से आप पर देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

निर्जला एकादशी 2024 के उपाय

राहगीरों को जल पिलाएं: इस दिन राहगीरों को जल पिलाना बहुत शुभ माना जाता है। जल से संबंधित वस्तुओं का दान करना बहुत लाभकारी होता है।
ताज़ा पेय और वस्तुओं का दान करें: ज़रूरतमंदों को जल, शरबत, मिट्टी के बर्तन और पंखे दान करें।

विष्णु को चंदन का तिलक लगाएं: पारिवारिक जीवन में खुशहाली के लिए निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु को चंदन का तिलक लगाएं और "ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:" मंत्र का 108 बार जाप करें।

इच्छा पूर्ति के लिए जाप करें: मनोकामना पूर्ति के लिए इस दिन "ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:" मंत्र का जाप करें।

पीला कपड़ा रखें: जीवन में तरक्की के लिए अपनी जेब में पीला रूमाल या कपड़ा रखें।

मक्खन और चीनी का भोग लगाएं: करियर में तरक्की के लिए भगवान विष्णु को मक्खन और चीनी का भोग लगाएं और "श्री हरि, श्री हरि" मंत्र का 108 बार जाप करें।

विष्णु के साथ लक्ष्मी की पूजा करें: इस दिन भगवान विष्णु के साथ देवी लक्ष्मी की पूजा करें।

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