कोविड-19 का खतरा इस समय भारत देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में लगातार बना हुआ है। भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर काफी भयानक रूप लेती हुई नजर आई है जिससे कई लोगों की जान भी गई है। वही आपको बता दें कि लगातार बढ़ते मामलों के बाद हो होम आइसोलेशन जैसी व्यवस्थाएं बहुत ही आम हो गई है। अभी इसी होम आइसोलेशन को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है।

मेडिकल जर्नल द लैंसेट की स्टडी में दावा किया गया है कि Covid-19 के जो मरीज अस्पताल में भर्ती नहीं होते हैं, उनमें इस वायरस का लॉन्ग टर्म गंभीर इफेक्ट कम होता है। एक स्टडी में दावा किया गया है कि अगर आप कोविड-19 के संक्रमण से संक्रमित हो जाते हैं और अगर आप अस्पताल में भर्ती नहीं होते हैं और घर पर ही आइसोलेट अपने आपको कर लेते हैं तो ऐसे में इस बीमारी के लंबे समय तक आपके ऊपर कोई प्रभाव नहीं डालने की बात की जा रही।

इस स्टडी को लेकर दावा किया जा रहा है कि जो संक्रमित मरीज घर पर ही रह कर अपने आप को ठीक कर पा रहे हैं और संक्रमण से मुक्त हो जा रहे हैं उनके लिए यह राहत की खबर है कि वह इस बीमारी को जल्द ही खत्म कर लेंगे एवं लंबे समय तक इस बीमारी के कोई भी इफेक्ट उनके शरीर पर दिखाई नहीं देंगे।

हालांकि इस स्थिति में एक और गंभीर बात यह भी बताई गई है कि जो लोग अस्पताल में भर्ती नहीं होते हैं उन्हें जल्द ही ठीक होने की बात की जा रही हो लेकिन उन्हीं लोगों में से कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें थ्रोम्बोएम्बोलिज्म की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।

ऐसा होने पर कई मरीज ऐसे हैं जिन्हें कोविड-19 के संक्रमण से मुक्त होने के बाद फिर से अस्पताल का रुख करना पड़ रहा है। तो ऐसे में जरूरी है कि हम सभी अपना ख्याल रखें और अपने आप को सुरक्षित रखें तभी हम इस महामारी से बच सकते है।

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