Nestle ने पेश की नई किटकैट पैकेजिंग, नेटिज़न्स ने पुरजोर तरीके से किया विरोध, जानें क्यों
नेस्ले इंडिया एक विवाद के बीच फंस गई है क्योंकि कई नेटिज़न्स ने ट्विटर पर इसके प्रोडक्ट डिजाइनिंग के लिए नाराजगी व्यक्त की है। कुछ सोशल मीडिया यूजर्स कथित तौर पर नेस्ले के अपने प्रोडक्ट किटकैट के हालिया रैपर डिजाइन के खिलाफ हैं।
नेस्ले के हालिया विज्ञापन अभियान में एक किटकैट रैपर शामिल है जिसमें भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और माता सुभद्रा की तस्वीरें हैं। इस प्रचार रणनीति ने चिंता बढ़ा दी है क्योंकि कई लोगों को धार्मिक आधार पर ये पसंद नहीं आया है। कुछ नेटिज़न्स ने ट्विटर पर कमेंट किया की कि कैसे रैपर धार्मिक भावनाओं को आहत करता है। बहुत से लोगों ने कहा कि रैपर सड़कों, नालों और कूड़ेदानों में पड़े मिलेंगे जो भगवान का अनादर करेंगे।
Please remove the Lord Jagannath, Balabhadra and Mata Subhadra Photos In Your @kitkat Chocolate Cover . When People Are Finished The Chocolate They Are Through The Cover On Road, Drain, Dustbin, Etc . So Please Remove The Photos . @Nestle @NestleIndiaCare #Odisha#JayJagannath pic.twitter.com/9vFy0trazw— Biswadeep Pradhan (@Biswadeep_bcjd) January 17, 2022
नए किटकैट रैपर की तस्वीर ट्विटर पर शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'कृपया अपने किटकैट चॉकलेट कवर से भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और माता सुभद्रा की तस्वीरें हटा दें। लोग चॉकलेट खा क्र कवर को सड़क, नाली, कूड़ेदान आदि में फेंक देंगे। तो, कृपया तस्वीरें हटा दें"।
It is a honor to see our Odisha culture & lord jagannath, balabhadra & subhadra on ##KitKat but plz think once, whn some1 will eat & will throw the wrapper into dustbins, drains, gutters & many will walk on it . Jagannath family will be happy with it. @CMO_Odisha @PMOIndia pic.twitter.com/10xPKsdz5c— Sanjeeb Kumar Shaw (@sanjeebshaw1) January 16, 2022
नेस्ले के फैसलों पर कुछ यूजर्स भड़क गए और एक यूजर ने ट्वीट किया, 'किटकैट के पैकेट पर भगवान जगन्नाथ जी की तस्वीर छापने का अधिकार उन्हें किसने दिया। चॉकलेट खाकर लोग पैकेट को कूड़ेदान में फेंक देंगे। यह हमारे भगवान का अपमान करेगा, और एक हिंदू के रूप में हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते, हिंदू इसका विरोध करते हैं।"
एक अन्य ने टिप्पणी की कि भारत में सभी बहु-राष्ट्रीय कंपनियां, जिन्हें हिंदू धार्मिक भावनाओं का "मजाक" बनाने का अधिकार है, उन्हें किसी अन्य धर्म के साथ यह देखने की कोशिश करनी चाहिए कि क्या होगा।