देवी दुर्गा की पूजा, उत्सव और आशीर्वाद प्राप्त करने का सबसे अच्छा समय है। आश्विन मास में आने वाली इस नवरात्रि को शारदीय नवरात्र कहते हैं। इस नवरात्रि की ख़ासियत यह है कि हम घरों के साथ-साथ पूजा पंडालों में कलश स्थापित करके देवी भगवती की पूजा करते हैं।

प्रथम तिथि के दिन देवी के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री का बहुत ही महत्वपूर्ण दिन होता है। इस दिन घट स्थापना होगी। शुभ मुहूर्त और तिथि में कलश या कोई शुभ कार्य किया जाना उत्तम होता है। इसलिए इस दिन घाट स्थापना के शुभ मुहूर्त पर विचार करना बहुत जरूरी है।

नए कार्यों की शुरुआत के लिए अभिजीत मुहूर्त को शुभ माना जाता है। चित्रा नक्षत्र में घट स्थापना करना अशुभ माना जाता है. इस प्रकार दोपहर के बाद चित्रा नक्षत्र समाप्त हो जाएगा, जिसके बाद घट स्थापना की जा सकती है.

कुंभ नक्षत्र दोपहर होगा और इस समय अच्छा चौघड़िया भी रहेगा. तो घाट स्थापना के लिए यह समय उत्तम है।

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