शारदीय नवरात्रि का आरंभ गुरुवार 7 अक्टूबर से होने जा रहा हैं जिसमें देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती हैं। इस दौरान मातारानी की पूजा करने के साथ साथ कई नियमों का पालन भी किया जाता है जिस से कि माता रानी खुश हो कर अपना आशीर्वाद दे। लेकिन इस दौरान कुछ काम ऐसे होते हैं जिन्हें करने से देवी मां की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि नवरात्री के दौरान आपको किन किन कामों को करने से बचना चाहिए।

मां दुर्गा की ऐसी मूर्ति लेने से बचें

अगर आप अपने घर पर मां की मूर्ति की स्थापना करने वाले हैं देवी मां की प्रतिमा ज्यादा बड़ी ना लाए। मूर्ति को किचन में स्थापित करने से बचें। पूजा के दौरान अपना चेहरा पूर्व दिशा की ओर रखें।

ऐसा ना हो कलश

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मिट्टी का घड़ा स्थापित करना शुभ माना जाता है। या फिर आप चाहे तो ब्रास, चांदी या सोने का कलश भी स्थापित कर सकते हैं। लेकिन किसी अन्य धातु का कलश स्थापित करने से बचें। इसे आपको मंदिर के उत्तरी-पूर्वी दिशा में ही रखना चाहिए। इसके साथ ही इसमें एक सिक्का व सुपारी डालकर पानी भरें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मिट्टी का कलश सबसे शुभ माना जाता है।

महिलाएं ऐसा करने से बचें

नवरात्रि पूजा दौरान महिलाओं को बाल बांधकर ही मंदिर जाना चाहिए। बाल खोलकर पूजा करने से महिलाओं को शनि ग्रह का नकारात्मक असर पड़ सकता है।

घर के मुख्य दरवाजे पर स्वास्तिक बनाएं

आपको अपने घर के मुख्य द्वार पर स्वस्तिक बनाना चाहिए। इसे बेहद ही शुभ माना जाता है। इसे आपको हल्दी, चूना व रोली से बनाना चाहिए। इस से आपकी कुंडली में बृहस्पति की स्थिति मजबूत होगी।

इन दिशा में हो मंदिर की वेदी

नवरात्रि के पावन दिनों में देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इस दौरान इस बात का ध्यान रखें कि मंदिर की वेदी उत्तरी-पूर्वी दिशा में हो। पूजा करने से पहले उस स्थान को आपको अच्छे से साफ़ कर लें। उसके बाद ही देवी मां की पूजा करें। पूजा के समय अपना चेहरा पूर्व दिशा की ओर रखें।

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