17 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ होने जा रहा हैं। इन नौ दिनों में मातारानी के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती हैं। मातारानी की पूजा करने के लिए कुछ नियम होते हैं। अगर पूजा करते समय इन बातों का ध्यान ना जाए तो फल नहीं मिलता है। इसलिए आपको इन बातों को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए।

पूजा-पाठ के दौरान काले रंग के वस्‍त्रों का पहनना वर्जित माना गया है। जब भी पूजा में बैठें तो मां को प्रिय लाल, पीले, गुलाबी और हरे रंग के वस्‍त्रों का प्रयोग करें।

पूजा में बैठते समय चमड़े के जूतेऔर बेल्‍ट का प्रयोग न करें। मंदिर में चमड़े की चीजें ना रखें।

नवरात्र में देवी भगवती को भोग लगाते समय ध्‍यान रखें कि उसमें अनाज नहीं होना चाहिए। मां को फलों और मिठाईयों, मिश्री, शक्‍कर, लौंग, इलायची का भोग लगा सकते हैं।

आपको इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि नवरात्र के 9 दिनों तक कैंची का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इन दिनों बाल और दाढ़ी भी नहीं कटवानी चाहिए।


नवरात्र के9 दिनों तक ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करना चाहिए। यदि नवरात्र के दौरान व्‍यक्ति शारीरिक संबंध बनाता है तो उसे पूजा का कोई फल नहीं मिलता है।

नवरात्र के 9 दिनों में लहसुन-प्‍याज का प्रयोग न करें।

ग्रंथों के अनुसार नवरात्र के दिनों में दिन में सोना नहीं चाहिए। 9 दिनों तक दिन में मातारानी के भजन-कीर्तन करें।

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