National Epilepsy Day: न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर केवल मिर्गी ही नहीं और भी गंभीर बीमारियों को देता है जन्म, जानें लक्षण
न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर की वजह से व्यक्ति कई तरह की बीमारियों से पीड़ित हो सकता है। लेकिन इसे लेकर जागरूकता की कमी के चलते लोग इस समस्या से जूझ रहे लोगों से न सिर्फ दूरी बना लेते हैं, बल्कि उन्हें दिमागी तौर पर बीमारी भी मान लेते हैं। न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर से होने वाली गंभीर बीमारियों में से एक मिर्गी को लेकर भी लोगों के अंदर इसी तरह की धारणा बनी हुई है। ऐसे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 17 नवंबर को नेशनल एपीलेप्सी डे मनाया जाता है। इस मौके पर विस्तार से जानते हैं न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर के लक्षणों के बारे में-
सिर, गर्दन, पीठ या विभिन्न अंगों में दर्द
शरीर के विभिन्न हिस्सों में होने वाले सामान्य दर्द कई बार भयावह बीमारियों की वजह से भी हो सकते हैं। सिर, गर्दन, पीठ, हाथ या पैर में होने वाले यह दर्द मेनिनजाइटिस, ब्रेन हैमरेज, ब्रेन ट्यूमर या वेनस साइनस थ्रॉम्बोसिस जैसी गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकता है।
शरीर के अंगों का फड़कना, झुनझुनी या कमजोरी महसूस होना
लगातार कमजोरी रहना, अंगों का टूटना, फड़फड़ाहट या झुनझुनी महसूस होना न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर का एक गंभीर लक्षण हो सकता है। अगर आपके अंदर ऐसे लक्षण नजर आ रहे हैं तो यह एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस भी हो सकता है। इसके अलावा एक्यूट न्यूरोपैथी के कारण भी शरीर के अंगों में अचानक कमजोरी भी हो सकती है।
याददाश्त या मानसिक क्षमता कमजोर होना
मांसपेशियों में अकड़न, कपकपी और धीमापन जैसे लक्षण भी न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर की वजह से हो सकते हैं। यह लक्षण आमतौर बुजुर्गों में देखने को मिलते हैं, जो पार्किंसंस रोग का संकेत करते हैं। इसके अलावा याददाश्त या मानसिक क्षमता का कमजोर होना अल्जाइमर रोग की ओर इशारा हो सकता है।
दौरे पड़ना और बार-बार बेहोश होना
दिमाग की गतिविधि में रुकावट की वजह से दौरे पड़ना भी न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर का एक अहम लक्षण है। बार-बार बेहोश होना और दौरे पड़ना मिर्गी के संकेत हो सकते हैं। अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए तो यह गंभीर रूप ले सकती है।
न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर से होने वाली बीमारियां
अल्जाइमर रोग
डिमेंशिया
मिर्गी
सेरेब्रोवास्कुलर
माइग्रेन
स्ट्रोक