Male Menopause: महिलाओं को होने वाले मेनोपॉज के बारे में तो आपने कई बार सुना होगा पर क्या आप जानते हैं मेनोपॉज सिर्फ महिलाओं को ही नहीं बल्कि पुरुषों को भी होता है। सुनकर आप शायद हैरान भी हो जाएं, पर यह सही बात है। हालांकि पुरुषों को होने वाला मेनोपॉज महिलाओं से अलग होता है। महिलाओं में मासिक धर्म यानी पीरियड्स के बंद हो जाने की स्थिति को मेनोपॉज या रजोनिवृत्ति कहते हैं। यह एक स्वाभाविक शारीरिक बदलाव है, जिससे एक उम्र के बाद हर महिला गुजरती है। महिलाओं में मेनोपॉज इस बात का संकेत है कि वह महिला अब प्रजनन नहीं कर सकती है। वहीं पुरुषों के लिए रजोनिवृत्ति शब्द का प्रयोग कभी-कभी उम्र बढ़ने के कारण टेस्टोस्टोरोन का स्तर कम होने या टेस्टोस्टोरोन की जैव उपलब्धता में कमी बताने के लिए किया जाता है। आइए विस्तार से जानते हैं आखिर क्या है मेल मेनोपॉज, इसके लक्षण और बचाव के उपाय।


क्या है मेल मेनोपॉज- पुरुष रजोनिवृत्ति यानी मेनोपॉज को सामान्य शब्दों में एंड्रोपॉज कहा जाता है। जो उम्र बढ़ने के साथ पुरुषों के हार्मोन में आए परिवर्तनों की वजह से होता है। इस तरह के लक्षणों को टेस्टोस्टेरोन की कमी, एंड्रोजन की कमी और देर से शुरू होने वाले हाइपोगोनैडिज्म के रूप में भी जाना जाता है। पुरुष रजोनिवृत्ति में उन पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन उत्पादन में गिरावट होती है जो 50 या उससे अधिक उम्र के होते हैं।

डॉ. पंकज अग्रवाल के अनुसार, मेल मेनोपॉज बढ़ती उम्र के साथ होने वाली एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। जिसमें आमतौर पर व्यक्ति के भीतर कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं। यदि व्यक्ति के भीतर अवसाद या कोई अन्य लक्षण नजर आते हैं तो उसे उपचार की आवश्यकता होती है। जिसका होम्योपैथिक चिकित्सा में इलाज संभव है। होम्योपैथी में इस समस्या से जुझ रहे व्यक्ति का इलाज बिना किसी साइड-इफेक्ट के प्राकृतिक तौर पर किया जाता है। मेल मेनोपॉज जैसी हार्मोनल समस्या न सिर्फ यौन समस्याओं को बढ़ाती हैं बल्कि इसका बुरा असर शरीर के बाकी अंगों पर भी पड़ता है। लेकिन होम्योपैथिक उपचार के दौरान हार्मोन की गड़बड़ी ठीक होकर पहले की तरह काम करने लगती है।

पुरुषों में मेनोपॉज के लक्षण-
महिलाओं की ही तरह पुरुषों को होने वाला मेनोपॉज उनकी रोजमर्रा के जीवन को काफी हद तक प्रभावित करता है। इसकी पहचान पुरुष अपने जीवन में होने वाले इन बदलाव को देखकर कर सकते हैं। जैसे-


-ऊर्जा का स्तर कम होना।
- उदास रहना
-अवसाद या अधिकतर समय उदास रहना
- ध्यान केंद्रित करने में समस्या आना
-नींद न आना या अनिद्रा की समस्या


-वजन बढ़ना और मांसपेशियों का कमजोर होना
-सेक्स की इच्छा का कम होना
-नपुंसकता
-पुरुषों के स्तन में वृद्धि होना (Gynecomastia)


-बांझपन
-बालों का झड़ना
-हड्डियों का कमजोर होना

महिलाओं से कैसे अलग है पुरुष रजोनिवृत्ति-
पुरुष रजोनिवृत्ति महिला रजोनिवृत्ति से कई मायनों में अलग होती है। जानकारी के लिए बता दें कि सभी पुरुषों में रजोनिवृत्ति या मेनोपॉज नहीं होता। दूसरा, इसमें पुरुषों के प्रजनन अंगों का पूर्ण रूप से बंद होना शामिल नहीं है। हालांकि, कम हार्मोन स्तर के परिणामस्वरूप यौन समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

रुषों में मेनोपॉज के कारण-
टेस्टोस्टेरोन की कमी आना शारीरिक परिवर्तन है। मुख्य रूप से यह 50 वर्ष की आयु के बाद देखने को मिलता है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ हर साल पुरुषों के टेस्टोस्टेरोन के स्तर में औसतन 1 प्रतिशत की गिरावट आती है, जो कि मेनोपॉज का एक प्रमुख कारण है। हालांकि, आनुवंशिक कारणों के साथ कोई पुराना रोग जैसे मधुमेह, एचआईवी, फेफड़े से जुड़ा रोग, सूजन संबंधी गठिया रोग या गुर्दे की बीमारियां भी इसके जल्दी शुरु होने का कारण बन सकते हैं। इतना ही नहीं बढ़ता मोटापा, अधिक धूम्रपान, तनाव और खान-पान की खराब आदतों की वजह से भी औसत स्वस्थ व्यक्ति की तुलना में यह आपको जल्दी हो सकता है।

यदि कोई पुरुष शरीर में टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम होने के बावजूद इस समस्या पर ध्यान नहीं देता तो भविष्य में इसका असर उसकी सेक्स लाइफ पर पड़ सकता है। परिणामस्वरूप व्यक्ति सेक्स ड्राइव में कमी, कामेच्छा में कमी, सुबह के इरेक्शन की आवृत्ति में कमी के साथ इरेक्टाइल डिसफंक्शन का भी शिकार हो सकता है।

क्या करना सही-
पुरुष रजोनिवृत्ति, वह समस्या है जिस पर अक्सर भारतीय पुरुष ध्यान नहीं देते हैं। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो उम्र बढ़ने के साथ हर पुरुष के साथ होती है। हालांकि इसके कोई स्पष्ट कारण या सकेंत नहीं है। बावजूद इसके कुछ बातों का ध्यान रखते हुए इस दौर को थोड़ा आसान और बेहतर जरूर बनाया जा सकता है।

यदि आप या परिवार के किसी सदस्य को रजोनिवृत्ति से जुड़ा कोई लक्षण महसूस हो रहा है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें। आप जो भी छोटी-बड़ी चीजें महसूस कर रहे हैं, उन सभी को नोट कर लें। इस समस्या पर ज्यादातर लोग शर्म की वजह से बात नहीं करते हैं। ध्यान रखें शर्माने की जरूरत नहीं है क्योंकि हर व्यक्ति के शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं। यदि इस दौरान आप उदासी और अकेलेपन जैसी चीजें महसूस कर रहे हैं तो मदद के लिए संपर्क करें।

Related News