Marriage Certificate- क्या आपने अभीतक मैरिज सर्टिफिकेट नहीं बनवाया हैं, तो जान लिजिए इसका प्रोसेस
भारत में विवाह को सात जन्मों का बंधन मानते हैं, जो अग्नि के सामने सात फैरों के साथ सम्पन्न किया जाते हैं, लेकिन आज के समय में विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी कामों के लिए मेरिज सर्टिफिकेट की आवश्यकता होती है, ऐसे में अगर आपकी शादी अभी हुई हैं और मेरिज सर्टिफिकेट बनवाना चाहते हैं, तो इन टिप्स को करें फॉलों-
विवाह प्रमाणपत्र आवेदन के लिए समयरेखा
शादी करने के बाद नवविवाहितों को 30 दिनों के भीतर अपने विवाह प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करना चाहिए। यदि इस अवधि के भीतर आवेदन नहीं किया जाता है, तो विलंब शुल्क का भुगतान करके पांच साल बाद तक प्रमाणपत्र के लिए आवेदन करना संभव है। हालाँकि, इस देर से आवेदन के लिए जिला रजिस्ट्रार से अनुमोदन की आवश्यकता होती है।
विवाह प्रमाण पत्र के लिए आवश्यक दस्तावेज
जन्मतिथि का प्रमाण: या तो जन्म प्रमाण पत्र या पति और पत्नी दोनों की 10वीं कक्षा की मार्कशीट।
पहचान प्रमाण: दोनों पति-पत्नी के आधार कार्ड।
तस्वीरें: प्रत्येक पति/पत्नी की चार पासपोर्ट आकार की तस्वीरें और विवाह समारोह की दो तस्वीरें जिनमें उनके चेहरे स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं।
शादी का निमंत्रण कार्ड: शादी के कार्ड की एक तस्वीर।
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
वेबसाइट पर जाएँ: संबंधित नगर निगम की वेबसाइट या राष्ट्रीय सरकारी सेवा पोर्टल पर जाएँ।
दस्तावेज़ जमा करें: ऊपर सूचीबद्ध आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें।
रजिस्ट्रार के पास जाएँ: दस्तावेज़ ऑनलाइन जमा करने के बाद, जोड़े को रजिस्ट्रार के कार्यालय में जाना चाहिए। जिन क्षेत्रों में रजिस्ट्रार नहीं है, वहां दंपत्ति को ग्राम अधिकारी के कार्यालय में जाना चाहिए।
अपनी शादी का पंजीकरण न केवल आपके मिलन को औपचारिक बनाता है बल्कि आपको एक कानूनी दस्तावेज भी प्रदान करता है जो भविष्य में विभिन्न कानूनी और प्रशासनिक प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक साबित हो सकता है।