971 ईसवीं में जन्मा महमूद गजनी यमनी वंश से तालुक रखता था। महमूद गजनी, सुबक्त्गीन का पुत्र था। 27 साल की उम्र में महमूद गजनी शासनाअध्यक्ष बना था।

गजनवी भारत की धन-संपत्ति से काफी आकर्षित था। वह भारत को बर्बाद करना चाहता था। उसने भारत पर एक या दो बार नहीं बल्कि 17 बार आक्रमण किए थे। महमूद इतना विध्वंसकारी शासक था। महमूद गजनी ने भारत पर पहला आक्रमण 1001 ई में किया था। दूसरी बार जब गजनी ने भारत पर आक्रमण किया तो सीमांत प्रदेशों के शाही राजा जयपाल को लड़ाई में हरा दिया और बैहिन्द को अपने अधीन कर लिया। अपनी हार को राजा स्वीकार नहीं कर पाए और उन्होंने आत्म दाह कर दिया।

महमूद गजनी ने 1026 ई. में काठियावाड़ के सोमनाथ मंदिर पर किया था। ये उसका सबसे बड़ा आक्रमण था। गुजरात के काठियावाड़ में सागर तट पर सोमनाथ महादेव मंदिर है।

दसवीं बार उसने 1014 ईस्वी में आक्रमण किया था। इस समय इस दुष्ट राजा ने थानेसर पर आक्रमण किया। इसमें उसने कई लोगों को मौत के घाट उतारा और कई मंदिरों को भी तबाह कर दिया।

उसने मंदिरों के पुजारियों को भी मौत के घाट उतार दिया और खजाना लूट कर ले गया। अकेले सोमनाथ से उसे अब तक की सभी लूटों से अधिक धन मिला था। यहाँ से उसने 20 मिलियन दीनार धन प्राप्त किया।

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