महाशिवरात्रि का पर्व आने वाला है। हमारे देश में प्राचीन काल से ही भगवान शिव और माता पार्वती की श्रद्धा भाव से पूजा - अर्चना की जाती है। प्राचीन समय से ही दोनों को महाशक्ति और नवविवाहित जोड़ों को सलाह दी जाती है कि में अच्छी संतान और सुख के लिए माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करें। वहीं महाशिव रात्रि पर शिव की पूजा और व्रत से माना जाता है कि विवाहित और अविवाहित लोगों के जीवन - समृद्धि का वास होता है। इस साल महाशिवरात्री का पर्व 4 मार्च को पड़ रहा है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा आराधना करना से सभी मनोकामना पूरी होती है। वहीं शिव भगवान को प्रसन्न करने के लिए भक्त कई तरह की चीजें उन्हें चढ़ाना शुभ माना जाता है। लेकिन यहीं पर एक छोटी सी भूल से भगवान शिव आपसे नाराज भी हो सकते है। इसलिए शिवलिंग की पूजा के समय कुछ चीजों को चढ़ाना वर्जित माना गया है , जैसे -


तुलसी के पत्ते - शिव जी की पूजा में कभी भी तुलसी से नहीं की जाती है। क्योंकि जलंधर नाम के असुर की पत्नी वृंदा के अंश से तुलसी माता का जन्म हुआ था और तुलसी को भगवान विष्णु ने अपनी पत्नी के रूप में स्वीकारा था। इसी वजह से शिवलिंग पर तुलसी चढ़ाना वर्जित माना गया है।

हल्दी चढ़ाना - शिवलिंग पर हल्दी चढ़ाना अशुभ माना जाता है। इससे भगवान शिव नाराज हो जाते है। शिवलिंग पर हल्दी चढ़ा कर पूजा नहीं करनी चाहिए।

कुमकुम से पूजा - पूजा करते समय ध्यान रखे कि शिवलिंग पर कभी भी कुमकुम से पूजा नहीं की जाती है। इसका कारण यह है कि भगवान शिव एक वैरागी थे। इसलिए शिव पर कुमकुम नहीं चढ़ाया जाता है।

काला तिल चढ़ाना - शिव जी की पूजा करते समय ध्यान रखें कि उन पर कभी भी काला तिल नहीं चढ़ाया जाता है।

चावल का तिलक - अक्सर हम भगवान जी की पूजा करते समय उन पर चावल चढ़ाते है। लेकिन ध्यान रखें कि टूटे हुए चावल को पूजा में नहीं लिया जाता है। ये अशुभता का प्रतीक माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार इसे अशुद्ध और अपूर्ण माना जाता है।

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